उन्नाव। विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री विकास प्राथमिकता कार्यक्रम के 37 बिन्दुओं की विस्तृत समीक्षा की गयी।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री विकास प्राथमिकता कार्यक्रम के अन्तर्गत सड़कों व सेतुओं का निर्माण, नवीन सड़क निर्माण व चैड़ीकरण, सोलर पम्प स्थापना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, निवेश मित्र, मत्स्य पालन, फसल बीमा योजना, सिंचाई एवं सिल्ट सफाई, निराश्रित गौवंश, स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक व दवाओं की उपलब्धता, गोल्डन कार्डों की प्रगति, ऑपरेशन कायाकल्प, री-बोर/हैण्डपम्प मरम्मत की प्रगति, पीएम आवास शहरी/ग्रामीण योजना, मुख्य मंत्री आवास योजना, पेयजल आपूर्ति, सामूहिक विवाह योजना, वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित महिला पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन, कन्या सुमंगला योेजना, पोषण अभियान, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन, कौशल विकास, सामुदायिक शौचालय, विद्युत व्यवस्था सहित समस्त 37 बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी।
बैठक में डीएम द्वारा समस्त अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि शासन की मंशा के अनुरूप विकास व लाभार्थीपरक कार्यक्रमों तथा जन कल्याणकारी योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरी पारदर्शिता के साथ क्रियान्वित किया जाए। जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही अक्षम्य होगी। आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा करते हुए चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि जनपद के समस्त पात्र लाभार्थियों को जल्द से जल्द आयुष्मान कार्ड उपलब्ध करा दिये जाएं तथा लाभार्थियों के क्लेमों का समय से भुगतान भी सुनिश्चित कराया जाए। उन्होने कहा कि जनपद में इस योजना के तहत 405512 परिवारों के कुल 1737986 पात्र लाभार्थी है, जबकि अब तक मात्र 642963 लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड निर्गत किये गये है। उन्होने जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिये कि समस्त पेंशन योजनाओं के पात्र लाभार्थियों को समय से पेंशन उपलब्ध करायी जाए। जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिए कि जनपद में रिक्त उचित मूल्य की दुकानों की बहाली कराने के लिए तत्काल आवश्यक कार्यवाही की जाए। उन्होने सहायक श्रमायुक्त को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मानधन योजना के तहत बिना जमीन वाले किसानों/श्रमिकों को अनिवार्य रूप से आच्छादित कराया जाए। जिला कृषि अधिकारी को निर्देश दिये कि जनपद के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में की जा रही धान की फसल का बीमा अनिवार्य रूप से कराया जाए ताकि अपरिहार्य स्थिति में नुकसान की भरपाई की जा सके। आईजीआरएस को लेकर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि कोई भी प्रकरण डिफाल्टर न होने पाये, अन्यथा कड़ी कार्यवाही होगी।