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एडवोकेट फारुक अहमद ने वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर अटवा वैक में ही आर्यावर्त बैंक का संचालन किए जाने की मांग की है।

सचिन पाण्डेय

उन्नाव।तहसील क्षेत्र के ग्राम अटवा वैक में काफी समय से संचालित आर्यावर्त बैंक की शाखा को कहीं अन्य स्थान पर स्थानांतरित न किए जाने के संबंध में फारूक अहमद एडवोकेट ने आर्यावर्त बैंक के अध्यक्ष तथा वित्त सचिव व गवर्नर सहित बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर अटवा वैक में ही आर्यावर्त बैंक का संचालन किए जाने की मांग की है।
तहसील क्षेत्र के ग्राम इस्माइलपुर आंबापारा निवासी उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ के वरिष्ठ अधिवक्ता तथा यश भारती सम्मान से सम्मानित प्रमुख समाजसेवी फारूक अहमद एडवोकेट ने आर्यावर्त बैंक के अध्यक्ष तथा वित्त सचिव व गवर्नर सहित बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि ग्राम अटवा वैक मैं काफी समय से संचालित आर्यावर्त बैंक विवेकानंद इंटर कॉलेज के परिसर में चल रही है इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से बैंक बिल्कुल सुरक्षित है, क्योंकि विद्यालय में चौकीदार का उचित प्रबंध है। बैंक ने अभी हाल ही में कॉलेज से अतिरिक्त परिसर की मांग की थी उसका भी निर्माण कराकर कालेज ने बैंक को हस्तगत कर दिया था। यह बैंक सन 1982 से विवेकानंद इंटर कॉलेज परिसर में अनवरत रूप से बैंकिंग व्यवसाय कर रहा है। विवेकानंद इंटर कॉलेज अटवा वैक, चंद्रशेखर आजाद इंटर कॉलेज हरईपुर, जनता इंटर कॉलेज ब्यौली इस्लामाबाद और न्याय पंचायत में स्थित लगभग 20 गांव में स्थित प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के अध्यापक-अध्यापिकाओं व कर्मचारियों के खाते भी इसी बैंक में हैं। इसके साथ ही उपरोक्त सभी इंटर कॉलेजों, प्राइमरी व जूनियर हाई स्कूल के बच्चों की छात्रवृत्ति के खाते भी इसी बैंक में संचालित हो रहे हैं। तथा हजारों की संख्या में सेवानिवृत्त कर्मचारियों, अध्यापकों- अध्यापिकाओं के पेंशन खाते के अलावा वृद्धावस्था, विधवा पेंशन, किसान सम्मान निधि व किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के हजारों खाते भी संचालित हैं।


विश्वस्त सूत्रों से आम नागरिकों को यह पता चला कि आर्यावर्त बैंक अटवा वैक से किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित की जा रही है, जिससे नागरिकों में काफी रोष व्याप्त है। क्षेत्रीय नागरिकों की विशेष मांग पर फारूक अहमद एडवोकेट ने बैंक के उच्च अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि अगर बैंक की शाखा अटवा वैक से कहीं अन्य स्थान पर स्थानांतरित की जाती है तो लगभग 75% बैंक खाते खातेदार बंद कर देंगे, जिससे बैंकिंग व्यवसाय पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा। साथ ही बैंक शाखा का स्थानांतरण आम नागरिकों के हित में नहीं होगा। फिर भी बैंक शाखा का स्थानांतरण आम जनता के हितों को ताक पर रखकर किया जाता है तो स्थानीय आम जनता कानूनी कार्यवाही को बाध्य होगी। फारूक अहमद एडवोकेट ने आर्यावर्त बैंक के अध्यक्ष को लिखे पत्र की प्रतिलिपि वित्त सचिव भारत सरकार, गवर्नर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, बैंक के महाप्रबंधक व क्षेत्रीय प्रबंधक को भी आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की है।।

Rishabh Tiwari

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