लखनऊ । एलडीए में तरह -तरह के जमीन की रजिस्ट्री के फर्जीवाड़े होते है । और कई फर्जी रजिस्ट्री होती है । एलडीए में रजिस्ट्री कराने में लोगों को कई तरह समस्याओ का सामना करना पड़ता हैं। प्राधिकरण के कर्मचारी लोगों को पेरशान करते हैं। और प्रापर्टी डीलरों के साथ मिलकर तमाम फर्जी रजिस्ट्री भी करवाते हैं।
एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी को जिम्मेदारी संभालने के बाद इसकी जानकारी हुई थी। जिसके बाद उन्होंने इसमें सुधार के लिए प्रयास शुरू किए थे । अब इस सम्बंध में नयी व्यवस्था बनायी गयी है। रजिस्ट्री केवल एलडीए के कर्मचारी नहीं करेंगे। इसमें वकील भी शामिल होंगे। इसके लिए कुछ वकीलों को रिटेनर नियुक्त किया गया है। वह रजिस्ट्री की फाइलें तैयार कराएंगे। फिर उनके साथ रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्री भी कराने जाएंगे।
अभी आवंटियों को निबंधन कार्यालयों में एलडीए से कोई मदद नहीं मिलती है। प्राधिकरण के बाबू केवल फाइल लेकर पहुंच जाते हैं। गवाही के रुप में फोटो खिंचावाकर किनारे हो जाते हैं। अन्य काम आवंटी को खुद करना पड़ता है। जिसकी वजह से लोगों को दिक्कतें होती हैं। अनावश्यक सुविधा शुल्क देना पड़ता है। लेकिन नयी व्यवस्था में आवंटियों को कुछ भी नहीं करना होगा। उन्हें केवल रजिस्ट्रार कार्यालय ही पहुंचना होगा। बाकी सारा काम वकील करेंगे। इसके लिए वह कोई चार्ज नहीं लेंगे।
डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी, उपाध्यक्ष, एलडीए का कहना है कि इससे लोगों को काफी फायदा होगा। रजिस्ट्री कराने में आने वाली दिक्कतें खत्म हो जाएंगी। कर्मचारी किसी को परेशान नहीं कर सकेंगे।