संवाददाता सचिन पाण्डेय
उन्नाव।श्रीमद् भागवत कथा के षष्ठम दिवस की शुरूआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। जिसके बाद पूज्य महाराज श्री ने सभी भक्तगणों को “मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने” भजन श्रवण कराया।
आज कथा में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के राज्य मंत्री इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अजीत पाल सिंह, कैबिनेट मंत्री उ•प्र• सरकार राकेश सचान, UTVL से धर्मपाल , सदर विधायक पंकज गुप्ता, कानपुर देहात जिलाध्यक्ष अंशु त्रिपाठी, रश्मि गुप्ता, सिया प्यारी गुप्ता, पूर्व ब्लॉक प्रमुख जिला पंचायत सदस्य अरुण सिंह, आर के अभिनंदन परिवार के मुखिया अंशू गुप्ता, विकाश गुप्ता ने पूज्य महाराज श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। हिन्दू युवा वाहनी लखनऊ मंडल प्रभारी धरेंद्र प्रताप सिंह , जिला महामंत्री निखिल गुप्ता , जिला संयोजक राहुल पांडेय , जिला प्रभारी मनीष चंदेल , जिला उपाध्यक्ष सचिन तिवारी ने पूज्य महाराज श्री को माला अर्पण कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
राज्य मंत्री अजीत पाल सिंह ने पूज्य महाराज श्री का धन्यवाद करते हुए कहा – उज्जैन की पावन धरती पर पूज्य महाराज श्री हमें जो भी बताते हैं अगर उसका एक अंश भी हम अपने जीवन में उतार लेंगे तो ये हमारे जीवन की बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। भागवत कथा ही एक मात्र ऐसा जरिया है जिसके द्वारा हम एक दूसरे से जुड़ते हैं और हमारे बीच भाईचारा बढ़ता है।
देवकीनन्दन ठाकुर जी ने कहा-
अगर हमारे चित्त को शांत करने वाली कोई जगह है तो वो भागवत कथा का स्थल है। जहाँ हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए ये समझने को मिलता है।मृत्यु एक अटल सत्य है, मृत्यु तो सभी की होनी है। परन्तु जिसने अपनी मृत्यु में सुधार नहीं किया उसने अपना जीवन बेकार कर लिया। खाना सबको मिल रहा है, जल सबको मिल रहा है लेकिन कथा सबको नहीं मिल रही है, सबको भजन नहीं मिल रहा है, सबको भगवान का सानिध्य नहीं मिल रहा है।जितना प्रेम आप अपने बेटे से, बेटी से, माता पिता से, पति पत्नी से करते हो उतना प्रेम का अगर 10 % भी भगवान से कर लोगे तो आपका जीवन का उद्धार हो जायेगा।ये संसार तुम्हारी बाहरी देखता है और तुम्हारी बाहरी सुंदरता ही चाहता है कि तुम दिखते कैसे हो। जबकि भगवान को आपके बाहरी दिखावे से कोई मतलब नहीं है वो आपसे आपके मन की सुंदरता चाहते है कि आपका मन कितना सुंदर है। अशुद्ध मन वाले भगवान से प्रेम नहीं कर सकते है।