उत्तर प्रदेशउन्नावताज़ा खबरे

श्री मद भागवत कथा का शुभारंभ,मुख्य अतिथि ब्रजेश पाठक भी पहुँचे

संवाददाता सचिन पाण्डेय

उन्नाव।देवकीनंदन महाराज की कथा का भव्य शुभारम्भ
श्रीमद्भागवत कथा महात्म्य का हुआ व्यापक वर्णन
भव्य कलश यात्रा में दिखीं पीत वस्त्र में सजी सैकड़ों मातृशक्तियां
अगर कोई मनुष्य बिना किसी स्वार्थ के सातों दिन भागवत कथा सुनता है तो उसे वो सब कुछ मिल जाता है जो वो चाहता है। पूज्य श्री देवकीनन्दन ठाकुर जी महाराज ने ये कहते हुए बताया श्रीमद् भागवत कथा सुनने से दरिद्र को धन मिल सकता है, निःसंतान को संतान मिल सकती है, पद प्रतिष्ठा चाहने वाले को पद प्रतिष्ठा मिल जाती है, मान सम्मान चाहने वाले को सम्मान मिल जाता है, रोगी को निरोगी काया मिल जाती है। विश्व शांति सेवा समिति के तत्वावधान उन्नाव में 13 से 19 नवम्बर तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।
कथा के प्रथम दिवस की शुरूआत दीप प्रज्वलन एवं विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। महाराज श्री ने सभी भक्तगणों को “ओ बृज रज में लोट लगाई लई जो तू जब वृन्दावन आवे” भजन श्रवण कराया।

मुख्य अतिथि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सुनीं कथा-

मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, विधायक बंबालाल दिवाकर, मुख्य यजमान सदर विधायक पंकज गुप्ता, उत्तर प्रदेश सरकार के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, बीजेपी जिलाध्यक्ष अवधेश कटियार, कानपुर महापौर प्रमिला पांडेय, ब्लॉक प्रमुख नीरज गुप्ता, विश्व शांति सेवा समिति उन्नाव सचिव जी. एस. भदौरिया, उपाध्यक्ष मनीष गुप्ता, संयुक्त मंत्री व मीडिया प्रभारी डॉ मनीष सिंह सेंगर, संगठन मंत्री सोनी शुक्ल, कोषाध्यक्ष जसमीत सिंह, कानपुर समिति से विपिन वाजपई, मुख्य यजमान श्रीमती रश्मि गुप्ता, प्रखर गुप्ता, पूर्व प्रमुख अरुण सिंह ने पूज्य महाराज श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पूज्य महाराज श्री का धन्यवाद करते हुए कहा – पूज्य महाराज श्री के श्रीमुख से जब श्रीमद् भागवत कथा की वाणी निकलती है तो चारों तरफ अमृतवर्षा होती है। उन्नाव के लोगों के बीच पूज्य महाराज श्री के श्री मुख से कथा सुनना ऐसा अलौकिक क्षण मुझे जीवन में बहुत ही काम मिलता है। मुझे इस क्षण को देने के लिए आप सभी का बहुत बहुत अभिनन्दन करता हूँ। पूज्य महाराज श्री के चरणों में दंडवत प्रणाम करते हुए उपमुख्यमंत्री जी आगे कहा – महाराज श्री के श्री मुख से कथा के श्रवण से सभी के दुखों का नाश हो, सबके घर सुख, संपत्ति और वैभव आये। और हमारा उन्नाव तेज़ी के साथ प्रदेश और देश के साथ विकाश के मामले में विश्वपटल पर छा जाए।

कानपुर की महापौर प्रतिभा पाण्डे जी ने पूज्य महाराज श्री का धन्यवाद करते हुए कहा – महाराज जी स्वरुप भगवान के समान है क्यूंकि महाराज जी की कहीं भी कथा हो सभी लोग पूर्ण श्रद्धा से सुनते है। पूज्य महाराज श्री ने इतनी अल्पायु में इतना मान सम्मान पाया है। पूज्य महाराज श्री की वाणी में स्वयं माँ सरस्वती बैठी है। महाराज जी की कथा ऋषि मुनियों की कथा के समान है।

उत्तर प्रदेश सरकार के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना जी ने पूज्य महाराज श्री का धन्यवाद करते हुए कहा – पूज्य महाराज श्री के श्री से श्रीमद् भागवत कथा सुनना सौभाग्य की बात है। पूज्य महाराज श्री देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी हमारी संस्कृति को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। भारतवर्ष जो कभी विश्वगुरु के स्थान पर स्थापित था आज महाराज श्री की कथा से, वाणी से फिर से उस ओर अग्रसर है। जिस भारत भूमि में हमने जन्म लिया है उसे हम माता कहते हैं और माता से पवित्र शब्द कोई भी नहीं है। मनुष्य ज्ञानवान है जो चाहता है वह कर लेता है।

सदर विधायक पंकज गुप्ता जी ने पूज्य महाराज श्री का धन्यवाद करते हुए कहा – पूज्य महाराज श्री के अनुष्ठान में जितना आनंद आता है उतना जीवन में किये गए किसी अन्य कार्य में नहीं आता है। ये हमारे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि पूज्य महाराज श्री का दोबारा हमारे जनपद में आगमन हुआ है। पंकज गुप्ता जी ने अपने पितरों का धन्यवाद देते हुए कहा – अगर हमारे पितृ न होते तो हमारा वंश न होता और अगर हमारा वंश न होता तो मुझे पूज्य महाराज श्री का आशीर्वाद कैसे प्राप्त होता। देवकीनंदन महाराज ने कथा महात्म्य बताते हुए कहा मनुष्य को अपने पितृओं के लिए ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे पितृगण भी कहें कि हमारे वंश में कोई ऐसा बालक हुआ है, जिस बालक ने हमारे कल्याण की चिंता की है और हम आभारी हैं उन परम पिता परमात्मा के जिन परमात्मा ने हम लोगों को इस पृथ्वी का मनुष्य बनाकर भेजा है। सिर्फ मनुष्य की ऐसा है जो संस्कारवान होकर पितृओं का ऋण चुका सकता है। हमारा शरीर नश्वर है। एक दिन हमें इसे त्यागना ही है। यही सत्य है। हम अपने मस्तिष्क का प्रयोग तभी तक करते है जब तक ज़िंदा रहते है और जब हम चलने लायक नहीं रहते तो हमारा मस्तिष्क भी किसी कार्य करने में सक्षम नहीं रहता है। जो मनुष्य जीवन कुछ इच्छा लेकर भागवत सुनने आते है कि उन्हें कुछ चाहिए तो भागवत उन्हें कुछ नहीं देती, अगर कोई मनुष्य बिना किसी स्वार्थ के सातों दिन भागवत कथा सुनता है तो उसे वो सब कुछ मिल जाता है जो वो चाहता है। जन्म जन्म तपस्या करके जो चीज़ ऋषि मुनि नहीं प्राप्त कर पाते वो आप भागवत कथा सुन कर प्राप्त कर सकते है। अगर किसी मनुष्य पर काल का साया है तो उस मनुष्य को भागवत कथा की शरण ले लेनी चाहिए। जो भागवत कथा का श्रवण करते है काल उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। कथा समापन के पहले पूर्व जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह जी ने भगवान कृष्ण की कृपा के पात्र देवकीनंदन जी को गुरुत्व का शाश्वत प्रमाण बताते हुए खुद को सनातनी अनुष्ठान में शामिल होने का सौभाग्यशाली सिद्ध किया अपनी अद्भुत वाक्पटुता और विद्वता से।

श्रीमद् भागवत कथा सुनने से दरिद्र को धन मिल सकता है, निःसंतान को संतान मिल सकती है, पद प्रतिष्ठा चाहने वाले को पद प्रतिष्ठा मिल जाती है, मान सम्मान चाहने वाले को सम्मान मिल जाता है, रोगी को निरोगी काया मिल जाती है। कथा संरक्षक आर के अभिनंदन परिवार के मुखिया अंशू गुप्ता की अगुवाई में नवीन चौरसिया, दीपक सिंह, नितिन सक्सेना, इंद्रजीत भदौरिया, संदीप पाल, दिग्विजय सिंह, सभासद राहुल कश्यप, शिवम गुप्ता, शिवम तिवारी आदि व्यवस्था में रहे। कथा शुभारम्भ के पहले बड़े हनुमान मंदिर से विश्व शांति सेवा समिति और पवन सिंह, प्रदीप सिंह के व्यवस्थापन में पांच सौ से ज्यादा मातृशक्तियों ने मुख्य यजमान परिवार के साथ भव्य कलश यात्रा में सैकड़ों मातृशक्तियों ने भाग लिया।

Rishabh Tiwari

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button