मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसी भी जनपद में अवैध टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड/रिक्शा स्टैंड संचालित न हों। ऐसे स्टैंड अवैध वसूली को बढ़ावा देते हैं। जहां कहीं भी ऐसी गतिविधियां संचालित हो रही हों, उन्हें तत्काल बंद कराया जाए। प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहतर सुविधाओं के लिए ठोस प्रयास किये जायें। पीपीपी मोड पर अस्पताल, मॉल, मंडी आदि का विकास किया जाए। सड़कों के सुदृढ़ीकरण की दिशा में और बेहतर काम किये जाने की जरूरत है।
आगे उन्होंने कहा कि यमुना, चंबल नदियों में जलस्तर बढ़ने से प्रदेश के 18 जनपदों में आम जन के प्रभावित होने की सूचना है। गंगा और बेतवा के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हुई है। यद्यपि अब सभी जगह जलस्तर में कमी आ रही है। प्रयागराज, वाराणसी, बलिया, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, हमीरपुर, मिर्जापुर, बलिया आदि जनपदों की स्थिति पर लगातार नजर रखी जाए। प्रभावित क्षेत्रों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं। वरिष्ठ अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में लगातार कैम्प करते रहें।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0/पी0ए0सी0 तथा आपदा प्रबंधन की टीमें 24×7 एक्टिव मोड में रहें। आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की आवश्यकतानुसार सहायता ली जाए। जिलाधिकारी गण द्वारा नौकाओं, राहत सामग्री आदि का प्रबंध भी सुनिश्चित कर लिया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो। प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए। जहां जलभराव की स्थिति बने, वहां पशुओं को अन्यत्र सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट कराया जाए। इन स्थलों पर पशु चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। एंटी स्नेक वेनम की भी कमी नहीं होनी चाहिए। मंडलीय भ्रमण के लिए जा रहे मंत्री समूह को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी दी जाए। मंत्रीगण द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भी भ्रमण किया जाए।
आगे उन्होंने कहा कि कहा कि विगत कुछ समय से गोवंश एवं महिषवंश पर लंपी वायरस का दुष्प्रभाव देखने को मिला है। इस संक्रमण के कारण कई राज्यों में व्यापक पशुधन हानि हुई है। इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मिशन मोड में काम करने की आवश्यकता है। पशुपालकों को संक्रमण के लक्षण और उपचार के बारे में पूरी जानकारी दी जाए। संक्रमण के लक्षण दिखने पर प्रभावित गोवंश तो तत्काल आइसोलेट किया जाए। संक्रमित गोवंश अन्य पशुओं के संपर्क में न आने पाए। इसके लिए विशेष सतर्कता की आवश्कता है।
लंपी वायरस से सुरक्षा के लिए पशु टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जाए। इसके लिए 17.50 लाख वैक्सीन उपलब्ध करा दी गई है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी गोवंश का टीकाकरण समय से हो जाए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विशेष सतर्कता की आवश्कता है। सभी निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में शत-प्रतिशत गोवंश का टीकाकरण कराया जाए। लंपी वायरस मक्खी और मच्छर से फैलने वाला वायरस है, ऐसे में ग्राम्य विकास, नगर विकास, दुग्ध विकास और पशुपालन विभाग के परस्पर समन्वय से विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए। संक्रमित पशु की मृत्यु की दशा में अंतिम क्रिया पूरे मेडिकल प्रोटोकॉल का साथ कराई जाए।
इस अवसर पर औद्योगिक विकास मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक श्री डी0एस0 चौहान, अपर मुख्य सचिव आबकारी श्री संजय भूसरेड्डी, अपर मुख्य सचिव पशुपालन श्री रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका गर्ग, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव नगर विकास श्री अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव आवास श्री नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव राजस्व श्री सुधीर गर्ग, प्रमुख सचिव सिंचाई श्री अनिल गर्ग, राहत आयुक्त श्री रणवीर प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में सम्मिलित हुए।