लखनऊ । मुख्यमंत्री द्वारा रविवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं की समीक्षा कर रहे थे। उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतिकरण भी किया गया। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा नीति सौर प्रकल्पों को बढ़ावा देने वाली होनी चाहिए।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता और बढ़ती ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति के लिए गैर पारम्परिक ऊर्जा विकल्पों को प्रोत्साहन दिया जाना आवश्यक है। इस दृष्टि से सौर ऊर्जा अत्यन्त उपयोगी माध्यम है। विगत वर्षों में प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रभावी प्रयास हुए हैं। ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए और प्रभावी व त्वरित प्रयास करने होंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार अयोध्या को ‘मॉडल सोलर सिटी’ के रूप में विकसित करने की योजना पर कार्य कर रही है। यह परियोजना अन्य शहरों के लिए मानक बनेगी। इसके दृष्टिगत अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के लिए समयबद्ध ढंग से कार्य किया जाए।
आगे उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा उत्पादन और भण्डारण के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के निवेश के लिए अनुकूल माहौल देने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के लिए सिंगल विण्डो प्रणाली लागू की जाए। नई सौर ऊर्जा नीति में सौर ऊर्जा क्षेत्र की निवेशकर्ता कम्पनियों के लिए भूमि की सुलभ उपलब्धता, पूंजीगत उपादान सहित सभी जरूरी प्रोत्साहन उपलब्ध कराए जाने चाहिए। नई सौर ऊर्जा नीति तैयार करते समय औद्योगिक जगत से भी परामर्श किया जाए। निवेशकर्ताओं की आवश्यकताओं को देखते हुए व्यापक विमर्श के बाद नवीन सौर ऊर्जा नीति तैयार की जाए।
आगे उन्होंने कहा कि भवनों की छत पर सौर ऊर्जा प्लाण्ट लगाए जाने के लिए जनजागरूकता बढ़ानी होगी। इस सम्बन्ध में जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक सोलर सेल का गठन किया जाना चाहिए। सभी सौर परियोजनाओं का अनिवार्य पंजीकरण किया जाए। सभी शासकीय, आवासीय, सार्वजनिक क्षेत्र, निजी व्यावसायिक भवनों, शिक्षण संस्थानों में रूफटॉप सोलर पावर प्लाण्ट लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। वॉटर बॉडी पर भी सोलर प्लाण्ट लगाया जाना चाहिए। इन्हें आवश्यकतानुसार नेट बिलिंग/नेट मीटरिंग से जोड़ने की व्यवस्था भी की जानी चाहिए।
आगे उन्होंने कहा कि कारागार में बंद कैदियों को सौर ऊर्जा उपकरण बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। सौर ऊर्जा पैनल, एल0ई0डी0 बल्ब आदि बनाने के लिए इनका उपयोग करने से इन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि सोलर रूफटॉप मॉडल को अपनाने और लागू करने के लिए एम0एस0एम0ई0 और स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाना उपयोगी होगा।
इस बैठक पर कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री प्रशान्त त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव दुग्ध विकास श्री रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।