उत्तर प्रदेश सरकार के पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)श्री नरेंद्र कश्यप बताया कि उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में दोनोभी विभागो , पिछड़ा वर्ग कल्याण एव दिव्यांगजन सशक्तिकरण के 100 दिन के अंतर्गत लक्षित रोड मैप के सभी निर्धारितो कार्यों को बहुत ही कुशलता के साथ पूर्ण कर लिया गया है । जो कि निम्न है ।
- निर्माणाधीन 3 छात्रावास और कार्यों को पूर्ण करके लोकार्पण करना ।
- शादी अनुदान योजना के अंतर्गत मार्च 2022 में आवेदन करने वाले समस्त पात्र 192 अभ्यार्थियों को 38.40 लाख का भुगतान कर दिया गया ।
- कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना में प्रदेश स्तर में 280 संस्थाओं का चयन कर लिया गया है तथा कंप्यूटर प्रशिक्षण हेतु 7015 आवेदकों को ओ लेवल कंप्यूटर प्रशिक्षण एवं 8000 आवेदकों को सी सी सी कंप्यूटर प्रशिक्षण हेतु कुल 15015 आवेदकों का चयन नियमानुसार पूर्ण कर लिया गया है तथा शीघ्र ही प्रशिक्षण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा ।
- सात नए छात्रावासों का निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित कर दिया गया है ।
उन्होंने आगे दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अंतर्गत अपने कार्यों को बताया जो कि निम्न है ।
- सभी विशेष (कुल 16 विशेष विद्यालय) विद्यालयों में स्मार्ट क्लास का कार्य पूरा किया गया ।
- विभाग की संचालित योजनाओं यथा स्वैच्छिक संस्थाओं के पंजीयन एवं अनुदान हेतु ऑनलाइन पोर्टल विकसित कर लिया गया है ।
- वर्तमान में संचालित अट्ठारह बचपन डे केयर सेंटर में से प्रथम चरण में 9 बचपन डे केयर सेंटर्स को गुणवत्ता के संबंध में आईएसओ प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया गया है ।
- डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में ब्रेल प्रेस की स्थापना का कार्य पूर्ण हो गया तथा विश्वविद्यालय में निर्मित विशिष्ट स्टेडियम का संचालन भी प्रारंभ किया जा चुका है।
- विशिष्ट विद्यालय भवनों के हस्तगन का कार्य भी पूरा किया जा चुका है जिसके अंतर्गत राजकीय ममता विद्यालय लखनऊ, मानसिक मंदित आशय ग्रह सह प्रशिक्षण केंद्र लखनऊ व मंदित विशिष्ट विद्यालय आजमगढ़ सम्मिलित है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से पिछड़े वर्ग के लाभार्थियों को शत प्रतिशत लाभान्वित कर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने व दिव्यांग जनों के सर्वांगीण विकास हेतु कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी ।