
उन्नाव।।पुरवा कस्बे के ऐतिहासिक बिलेश्वर महादेव मंदिर का शिवलिंग अज्ञात व्यक्तियों द्वारा लोहे की वजनदार वास्तु मारकर तोड़ दिया गया पूजा करने भक्तों ने जब शिवलिंग टूट देखा तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। घटना की जानकारी होने पर भारी संख्या में लोग मंदिर पहुंच गए।
तहसील मुख्यालय से 3 किलोमीटर पुरवा मौरावां रोड से 400 मी पूर्व बिलेश्वर महादेव मंदिर स्थित है ।

सुबह 6:00 मंदिर की पूजा करने आए भक्त मनीष पुत्र शैलेंद्र मिश्रा निवासी वजीरगंज ने पूजा किया तो वहां पर शिवलिंग ठीक था किंतु थोड़ी देर बाद 7:00 बजे पूजा करने आए पंकज पुत्र मनीराम ने देखा कि शिवलिंग के टुकड़े टूटे हुए दूर-दूर पड़े हुए हैं वही डॉक्टर हरिशंकर मिश्रा निवासी शीतल गंज ने बताया कि एक दिन पूर्व एक व्यक्ति जो दाढ़ी रखे हुए था हाथ में कुल्हाड़ी लेकर संदिग्ध अवस्था में घुस रहा था घूम रहा था रमेश पुत्र नंदलाल निवासी शीतल गंज ने बताया मंदिर की साफ सफाई के लिये सुबह सात बजे आया तो देखा कि शिवलिंग टूटा हुआ पड़ा था । इस मंदिर के बारे में की कहावत है कि 490 वर्ष पूर्व इस स्थल पर घना जंगल था इस स्थल पर एक गाय आकर रोज एक बिल के ऊपर अपना दूध गिरा देती थी कौतूहल वश उस स्थान की खुदाई की गई तो वहां पर शिवलिंग दिखाई पड़ा इसके बाद उस स्थान पर एक छोटा मंदिर बनाया गया और मंदिर का नाम बिल के ईश्वर रखा गया वहीं इस मंदिर की विषय में कहावत है कि हस्तिनापुर से वापस जाते समय भगवान श्री कृष्णा और अर्जुन यहां पर रुके थे और श्री कृष्ण ने शिव पूजन किया था और शिवलिंग में प्राण प्रतिष्ठा की थी अर्जुन से जलाभिषेक के लिए पानी मांगा तो उन्होंने अपना गांडीव धनुष से भूमि पर तीर का प्रहार किया जिससे वहां पर जल का स्रोत निकला और इसी जल से जलभिषेक किया गया तीर के प्रहार के बाद अर्जुन ने अपना धनुष इसी स्थल पर रख दिया जिससे वहा धनुषके रूप में बदल गया इस मंदिर के विषय में इस तालाब के विषय में बताया जाता है कि यह तालाब पाप 6 कुंड है इसमें जो व्यक्ति श्रद्धा भाव भक्ति भाव से स्नान करता है उसके सारे पाप कट जाते हैं इस तालाब में सुबह के समय खिलते कमल के पुष्पों की दृश्य बड़ी ही दर्शनीय और रोचक होती मंदिर 12:बीघा भूमि स्थित है इसी परिसर में छह कुँए है ।प्रत्येक सावन के सोमवार को यहां पर एक सफेद नाग दिखाई पड़ता है जो भगवान के दर्शन कर वापस इन कुएं में चला जाता है महाशिवरात्रि के मौके पर दूर-दूर से हजारों कांवरिये यहाँ आते हैं और यहां पर भारी मेला लगता ।स्थानीय सूचना मिलने पर नर सेवा नारायण सेवा के संस्थापक हिंदू नेता विमल द्विवेदी जी मौके पर मंदिर पहुंचकर आरक्षक तत्व पर कड़ी कार्रवाई की मांग की ।