प्रशासन की चप्पे चप्पे पर रही पैनी नज़र,
संवाददाता इरफान कुरैशी,
लखनऊ शहर में जुलूसे मदहे सहाबा बड़ी ही शान और शौकत के साथ निकल गया। सहाबा का परचम उठाए चला चल, क़दम अपने आगे बढ़ाए चला चल। सहाबा की मदहे ख्वानी में कारवां आगे बढ़ा, तो पीछे-पीछे शहर की अंजुमनें देश के तिरंगे के साथ मजहबी झंडे व परचम लेकर नात ओ मनक़बत व दुरुद ओ सलाम पेश करती साथ-साथ चल रही थीं।
जुलूसे मदहे सहाबा के अवसर पर सोमवार को अमीनाबाद झंडेवाला पार्क से मदहे सहाबा का जुलूस निकाला गया। जुलूसे मदहे सहाबा में करीब 140 अंजुमन अपने-अपने परचम व झंडों के साथ शामिल हुईं।
इस बीच रकाबगंज चौराहे पर रसूल की आमद की खुशी में पूरा इलाका नारों से गूंज उठा। अंजुमन के इंतजार में जुलूस मार्ग पर सड़क किनारे खड़े जायरीनों ने पूरे रास्ते फूलों की बारिश कर इस्तकबाल किया। तो कई धार्मिक संगठन ने जुलूस में शामिल लोगों को फूलों का हार पहनाकर मुबारकबाद दी।
जुलूस अपने निर्धारित मार्ग अमीनाबाद से मौलवीगंज, रकाबगंज, नादान महल रोड, नक्खास तिराहा, टूडिय़ागंज, हैदरगंज चौराहे से होता हुआ ऐशबाग ईदगाह पहुंचा। इस बीच पूरे जुलूस में मजलिस के मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली सहित कई मौलाना शामिल रहे। बड़ी इमारतों के छत से पुलिस बल दूरबीन और वीडियों कैमरे से निगरानी कर रहे थे।
लखनऊ कमिश्नर एवं लखनऊ ज़िलाधिकारी ने बड़ी सूझबूझ के साथ रणनीति तैयार कर सभी अधिकारियों को निर्देश दिये। वहीं ज्वाइंट कमिश्नर एवं पश्चिम डीसीपी व एडीसीपी एवं चौक एसीपी और बाजार खाला एसीपी के क्षेत्र संवेदनशील होने के कारण अधिकारियों को काफी मशक़्क़त का सामना करना पड़ता है। पश्चिम क्षेत्रों के थाना प्रभारी एवं चौकी प्रभारियों को गैर जनपदों से आई पुलिस फोर्स के साथ चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद रहकर रखते हैं पैनी नज़र, जुलूस को अमन शान्ति के साथ संपन्न कराया।