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गोकुल बाबा मंदिर में चल रही शिवमहापुराण कथा में पार्थिव शिवलिंग पूजन के महात्म्य की पौराणिक कथा का हुआ चित्रण

सचिन पाण्डेय

उन्नाव। श्री गोकुल बाबा धाम में चल रही शिव महापुराण कथा के चौथे दिन पार्थिव शिवलिंग पूजन के महात्म्य की पौराणिक कथा का चित्रण हुआ। शैवाचार्य प्रशांत प्रभुदास जी महाराज ने बताया कि कलयुग में जो लोग पार्थिव शिवलिंग का पूजन और अभिषेक सपरिवार करते हैं उनके सभी कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं। नारद जी द्वारा ब्रम्हाजी से श्री शिव महापुराण कथा सुनने का प्रसंग सुनाया गया। कथा प्रवक्ता ने कहा इंसान को बनावटी नहीं होना चाहिए। बनावटी भाषा रिश्तों को तोड़ती है। जीवन में दिखावा नहीं आना चाहिए। झूठ नहीं बोलना चाहिए। शिव महापुराण विश्व का कल्याण करने वाली है। 84 लाख योनियों में आखिरी योनी मनुष्य योनी है। ईश्वर केवल मनुष्य को ही सोचने और समझने की क्षमता देता है। मनुष्य का जन्म ईश्वर भक्ति के लिए हुआ है। शिव को पाने के लिए इंसान को गलत विचार, बुरी सोच, बुरी दृष्टि, खराब खाना पीना और ऐसा पहनावा जो अच्छा नहीं होता है उसे त्यागना होगा। सजावट, बनावट और दिखावट से दूर रहो। बनावट की बात सनातन धर्म के लिए श्रेष्ठ नहीं है। श्रेष्ठ जीवन जीने के लिए दिखावे की जिंदगी जरूरी नहीं है। शिव अपनी शादी में नंदी पर बैठकर ससुराल गए थे। शिव ने अपनी शादी में कोई दिखावा नहीं किया। शिव महापुराण कहीं यह नहीं कहती राम, कृष्ण को छोड़ो। दुनिया के लोगों ने पंथ बनाकर भ्रम पैदा कर दिया है। वे कहते हैं कि शिव के मंदिर मत जाओ। शिव रौद्र रूप वाले हैं। शिव पिता हैं। यदि हमसे शिव पूजन में कोई कमी रह जाए तो वह अपने पुत्रों को माफ कर देते हैं। शिव सबके हैं। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव किसी को श्राप नहीं देते। पार्वती उनके साथ रहती है। शिव पूजन के दौरान कमी रह भी जाए तो पार्वती उस कमी को पूरा कर देती हैं। उन्होंने कहा कि सजावट चार दिन की होती है। आंख बंद करके बैठने, चंदन का तिलक लगाने, अच्छे कपड़े पहनने, अच्छा गाने, मंदिर जाने और केवल कथा में बैठकर आने यानी दिखावे से भगवान की प्राप्ति नहीं होती है। परमात्मा से प्राप्ति के लिए दिल से ईश्वर की भक्ति जरूरी है। उन्होंने कहा कि काल महाकाल का कोई समय नहीं होता है। जिस प्रकार मृत्यु आने का कोई समय । कथा में हर दिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। श्रद्धालुओं ने तो वहां खड़े एक ट्रैक्टर पर बैठकर कथा सुनी।
कथा आजमान देवी प्रसाद साहू, हरि प्रसाद साहू, संतोष साहू, धीरज सिंह, विक्रम सिंह, नीलम त्रिपाठी, निशीथ निगम, राधा निगम, डॉ सुषमा सिंह, श्रीमती लीलावती, संतोष तिवारी, कथा अध्यक्ष अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी व श्रीकांत शुक्ला मुकुल, व्यवस्थापक जितेन्द्र सिंह(अन्नू), संरक्षकों कमल वर्मा, संजय राठी, ललित मिश्रा, अवधेश मिश्रा, सरिता सिंह, वंदना सिंह, दीपाली सिंग, इंद्र मणि मिश्रा एडवोकेट, अभिषेक शुक्ला, संजय त्रिपाठी, अनिल गुप्ता, संजय शुक्ला, दिव्या शुक्ला, शोभा पांडेय, उमा शुक्ला, चंद्रप्रकाश बाजपाई, ओम प्रकाश सोनी, कुलदीप सिंह, कुँवर बहादुर सिंह, रवि प्रकाश सिंह, कौशल किशोर यादव, संतोष दीक्षित, मनोज सिंह, रोहित शर्मा आदि ने पूजन आरती में भाग लिया। संयोजक डॉक्टर मनीष सिंह सेंगर ने रुद्राभिषेक में ज्यादा से ज्यादा लोगों को सपरिवार शामिल होने की अपील की। श्रीरामलीला कमेटी गंगाघाट के पदाधिकारियों ने मंच पर कथा व्यास जी का सम्मान कर आशीर्वाद लिया।

Rishabh Tiwari

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