सचिन पांडे
उन्नाव। जिला अस्पताल स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में कई जरूरी दवा नही है उपलब्ध। सांस रोगियों की दवा और दर्द की दवा सहित कई जरूरी दवाएं नहीं हैं। मरीजों का कहना है कि डॉक्टर की लिखी गई सभी दवाएं जन औषधि केंद्र में नहीं मिलतीं हैं।
लोगों को महंगी दवाओं से राहत देने के लिए जिला अस्पताल में वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की शुरुआत हुई थी। इस केंद्र में जेनरिक दवाएं मिलती हैं जो बाजार में मिलने वाली पेटेंट दवाओं की अपेक्षा काफी सस्ती होती हैं। नियमानुसार जन औषधि केंद्र में नियमानुसार 1600 प्रकार की दवाएं होनी चाहिए, लेकिन हकीकत यह है कि अधिकतर जरूरी दवाओं की महीनों से आपूर्ति नहीं हुई है।
यह हाल तब है जब जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 800 से 1000 मरीज पहुंचते हैं। वहीं बाजार में ये दवाएं दोनों तरह जेनरिक और पेटेंट अलग- अलग दामों में उपलब्ध हैं। लेकिन जन औषधि केंद्र में महीनों से आपूर्ति नहीं हो रही है। इससे मजबूरन मरीजों को ये दवाएं बाजार से दो से तीन गुना महंगी कीमत पर खरीदनी पड़ रही हैं।
ये दवाएं नही मिलती
मल्टीविटामिन सिरप दो महीने से नहीं, यूरिन के लिए जरूरी टेम्सूलोसिन टैबलेट, पेट में गैस की समस्या से परेशान मरीजों को पेंटाप्रजॉल भी नहीं है। वहीं सांस की दवा एसिब्रोफिलिन, जोड़ो में दर्द के लिए कैल्शियम सैचेड, मांशपेशियों में खिचाव और दर्द की दवा जीरोडोल एसपी व एंटी बायोटिक भी नहीं उपलब्ध है।
जन औषधि केंद्र में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि सप्ताह में दो बार दवाओं के लिए मांग (डिमांड लेटर) भेजी जाती है। लेकिन पर्याप्त दवाएं नहीं मिलतीं। पिछली बार 100 प्रकार की दवाओं की मांग की गई थी, लेकिन केवल 32 प्रकार की दवाएं ही मिल सकीं। इससे किसी तरह काम चलाना पड़ रहा है।
दवा का नाम-जनऔषधि केंद्र में मूल्य-बाजार में मूल्य
ओमेप्राजॉल-10 रुपये-110 रुपये
जीरोडॉल एसपी-20-110
पेंटाप्रजोल-22-180
कैल्शियम केटू-7-40-220
विटमिन डी-3-10-30
इट्राकोनाजॉल-40-240
पैरासीटामॉल-10-100
यूडीलिव सिरप-160-400
जितनी दवाओं की मांग भेजी जाती है। उतनी नहीं मिल पातीं। जो दवाएं उपलब्ध हैं उन्हीं से काम चलाया जा रहा है। बताया कि दवा और चिकित्सीय सामग्री फूड सप्लीमेंट्स सहित 85 की लिस्ट भेजकर मांग की है, शनिवार तक दवाओं की आपूर्ति होने की बात बताई गई है। – अतिन कुमार, फार्मासिस्ट, जन औषधि केंद्र