देवेंद्र तिवारी
उन्नाव। पीड़ित किशोरी का शव घर में फंदे से लटका मिला। मां का आरोप है कि पुलिस से न्याय न मिलने और आरोपियों की धमकियों से क्षुब्ध होकर बेटी ने खुदकुशी की है। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। हमारी लड़की ओवर ब्रिज के नीचे गंभीर हालत में मिली थी। पुलिस ने आरोपी लड़कों को पकड़ा भी। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। सात दिन बाद उनको छोड़ दिया। धमकियों से मेरी बेटी परेशान थी।
बता दे की बिहार थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 14 साल की किशोरी की मां का आरोप है कि 27 जून को आरोपी विनीत कुमार व लवकुश बेटी को बहला-फुसलाकर बाइक से ले गए थे। दो दिन तक किसी गांव में रखने के बाद उसे एक्सप्रेसवे के पास छोड़ दिया था। मां के मुताबिक, उसने पुलिस को बताया था कि बेटी को नशीला पदार्थ खिलाकर कई दिनों तक रेप किया गया। इससे पहले भी आरोपियों ने कई बार ऐसी हरकतें की थीं। बताया कि 29 जून को बिहार थाने में तहरीर दी थी। इसके बाद भी पुलिस ने दोनों आरोपियों पर केवल अपहरण की ही रिपोर्ट दर्ज की।
पीड़िता की माँ ने लगाए आरोप आरोप है कि दुष्कर्म करने वालों को पुलिस ने बचाया और कोई कार्रवाई नहीं की। करीब एक सप्ताह पहले भी उसने पुलिस को प्रार्थनापत्र देकर बताया था कि रिपोर्ट वापस लेने का दबाव बनाने के लिए आरोपी पक्ष से लगातार धमकी दी रही हैं। शिकायत के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया और कई दिन थाने में रखने के बाद छोड़ दिया था। धमकियां मिलने से परेशान होकर बेटी ने आत्महत्या की मृतका की मां का आरोप कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न होने और आरोपी पक्ष से धमकियां मिलने से परेशान होकर बेटी ने आत्महत्या की है।
पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।प्रभारी निरीक्षक शिवप्रकाश पांडेय ने बताया कि घटना की जांच की जा रही थी।
पीड़िता के चाचा ने बताया कि हमारी बच्ची 27 जून को घर से गायब हो गई थी। 29 जून को एक्सप्रेसवे के ओवर ब्रिज के नीचे गंभीर हालत में पाई गई थी। इसके बाद हम लोग लड़की को लेकर थाने गए। पुलिस ने लड़की के बयान के आधार पर आरोपियों को पकड़ा। पुलिस ने आरोपियों को 7 दिन तक थाने में रखा। एक हफ्ते तक हम लोग भी उनके पीछे दौड़ते रहे। पुलिस वाले कार्रवाई का आश्वासन देते रहे। इसके बाद पुलिस लड़कों को पुलिस ने छोड़ दिया। लड़के हमारी लड़की को लगातार धमकाते रहे। जान से मारने की धमकी दी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे परेशान होकर मेरी लड़की ने सोमवार रात 9 बजे घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने कोई भी कार्रवाई नहीं की। हम चाहते हैं कि सख्त से सख्त कार्रवाई हो।
वही पुलिस की माने तो तहरीर के आधार पर धारा 363, 366 में मुकदमा पंजीकृत कर किशोरी के मजिस्ट्रेट के समक्ष 161/164 सीआसपीसी के बयान कराए गए। जिसमें उसके द्वारा बताया गया कि मैं घर से बिना बताये चली गई थी, तथा दो दिन बाद वापस आ गयी थी। मुझे कोई भी बहला फुसला कर नहीं ले गया था। लड़की के बयानों के आधार पर दुष्कर्म जैसी किसी भी घटना का नहीं होना पाया गया। पुलिस द्वारा उपरोक्त संदर्भित अभियोग में एफआईआर 15 जुलाई को न्यायालय प्रेषित की जा चुकी है। पुलिस पर लगाए गए आरोप पूर्णतयः असत्य एवं निराधार हैं