सचिन पाण्डेय
उन्नाव।विकासखंड फतेहपुर चौरासी कार्यालय के कर्मचारी निष्प्रयोज्य भवनों का प्रयोग कर रहे हैं। इन भवनों में बैठकर काम निपटाना कर्मचारियों के लिए खतरे की घंटी बना रहता है। कोई भी भवन किसी भी समय गिरकर अनहोनी घटना को जन्म दे सकता है।
बताते चलें कि क्षेत्र पंचायत फतेहपुर चौरासी में कई दशक पूर्व सहायक विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी एवं खंड विकास अधिकारी के भवनों का निर्माण कराया गया था। दशकों वर्ष पुराने हो चुके यह भवन पूर्ण रूप से जर्जर हो चुके हैं और विकासखंड कार्यालय की ओर से भी इन्हें निष्प्रयोज्य घोषित किया जा चुका है। किंतु अभी भी इनमें कर्मचारियों का रहना बैठना और काम करना जारी है। हालांकि चंद भवनों को छोड़कर किसी भी आवास में कोई भी अधिकारी कर्मचारी रात्रि को निवास नहीं करता है। किंतु दिनभर कार्य इन आवासों में मौजूद रहकर काम करना खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता है। इन आवासों की छतों के प्लास्टर टूट टूट कर अक्सर गिरते रहते हैं। जिससे कई कर्मचारी अब तक घायल भी हो चुके हैं। इन आवासों के पीछे बनी बाउंड्री वॉल ध्वस्त हो चुकी है किंतु कमरे और बरामदे अभी भी अपने आकार में है। इनकी छतों से वर्षा होनें पर पानी टपकता है तो सुरक्षा के लिए कर्मचारियों ने छतों पर पन्नी डलवा रखी हैं और आवासों में ही मौजूद रहकर अपना कार्य निपटान करते-रहते हैं। पूर्ण रूपसे जर्जर हो चुके इन आवासों में खंड विकास अधिकारी के आवास का जीर्णोद्धार कई बार किया जा चुका है जो मजबूत है किंतु उसे आवास में कभी भी खंड विकास अधिकारी न तो दिन में रुकते हैं और ना ही रात में ही रुकते नजर आते हैं। जर्जर सहायक विकास अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी के आवासों में दिन में कार्य करने के लिए बैठने से उन कर्मचारियों के क्षेत्र के तमाम लोग और प्रधान भी इकट्ठा रहते हैं। जिससे किसी भी समय उनके ऊपर गिरकर अप्रिय घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। इतना सब होने के बावजूद भी यहां किसी भी जिम्मेदार अधिकारी की नजर इन आवासों पर नहीं पड़ रही है और नए सिरे से इन आवासों को बनवाए जाने की अब तक कोई कवायद नहीं की गई है। जबकि प्रतिवर्ष करोड़ों रुपया विकासखंड कार्यालय से विकास मद में खर्च किया जाता है।।