सचिन पाण्डेय
उन्नाव।अमूमन चुनावों में मतों से हार, जीत के ही रिकार्ड बनते हैं।लोग इन्हें ही याद भी रखते हैं।लेकिन चाहे-अनचाहे में कई अन्य रिकार्ड भी बन जाते हैं, जिनके बारे में लोगों को बहुत कम ही जानकारी हो पाती है।
ऐसा ही एक रिकार्ड उन्नाव लोकसभा सीट पर बना है। ये है सबसे ज्यादा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों का।जिसके बारे में शायद ही लोगों को जानकारी हो।उन्नाव में वर्ष 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 52 प्रत्याशी चुनावी दंगल में ताल ठोंकने के लिए उतरे थे।जो अबतक का रिकार्ड बना हुआ है।
आपको बताते चले कि उन्नाव में अब तक 17 आम व एक उपचुनाव हो चुका है।पूर्व के चुनावों पर गौर करें तो 1996 में अफसरों को सबसे ज्यादा माथापच्ची करनी पड़ी थी। उस समय के चुनावी दंगल में 52 प्रत्याशियों ने नामांकन कराया था और मैदान में जीत हासिल करने के इरादे से उतरे थे।
लेकिन, 51 की जमानत जब्त हो गई थी।इसके बाद के चुनावों में कभी भी इतनी संख्या में प्रत्याशी मैदान में नहीं उतरे थे। इतनी बड़ी प्रत्याशियों की लिस्ट के लिए अलग बैलेट बॉक्स और काफी लंबा मतपत्र बनाया गया था। बैलेट बॉक्स 4 फीट का तो मतपत्र करीब 1 मीटर का बना था।तब EVM से नहीं बैलेट पेपर से चुनाव होता था।
2009 और 2014 के आम चुनाव में 21-21 प्रत्याशियों ने नामांकान कराया था। वर्ष 2004 के चुनाव में 16, 1991 में 15, 1999 में 14 और 1998 व 1980 में 10-10 प्रत्याशी चुनावी समर में जीत के इरादे से उतरे थे।
इसके बाद के चुनावों में प्रत्याशियों की संख्या दहाई अंक तक भी नहीं पहुंची। वर्ष 2019, 1977 व 1962 के चुनावों में आठ-आठ, 1989 में सात, वर्ष 1984 में छह, 1967 में पांच और 1957 व 1971 में चार-चार प्रत्याशियों ने भाग्य आजमाया था।
विभिन्न राष्ट्रीय, क्षेत्रीय दलों के साथ निर्दलीय भी प्रत्याशी बनकर इस उम्मीद के साथ मैदान में उतरे लोगों का किस्मत चमकने और जीतकर संसद पहुंचने का सपना ‘सपना’ ही रह गया। 1996 में प्रत्याशियों की संख्या का बना रिकार्ड आज 28 साल बाद भी नहीं टूटा है।2024 के आम चुनाव में सबसे ज्यादा प्रत्याशियों का रिकार्ड भी नहीं टूटा है।क्योंकि नामांकन के बाद निर्वाचन अधिकारी ने 8 लोगों के नामांकन को सही ठहराया है।