सचिन पाण्डेय
उन्नाव। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ की कार्ययोजना वर्ष 2023-2024 के क्रियान्वन के क्रम में कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उन्नाव जनपद न्यायाधीश प्रतिमा श्रीवास्तव के दिशा निर्देश में दिनांक 12.10.2023 को वृद्धाश्रम, तकिया निगोहीं तहसील सफीपुर, उन्नाव में वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों एवं “माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरणपोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007,” के सम्बन्ध में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उन्नाव की अपर जिला जज/सचिव मनीष निगम की अध्यक्षता में सम्पन्न किया गया।
उक्त जागरूकता शिविर में सचिव ने बताया कि आज के युग में बुढ़ापा एक बहुत बड़ी सामाजिक चुनौती बन चुकी है इसलिए इस अवस्था में जीने वाले नागरिकों की सेवा और सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है। हालांकि परिवार के बुजुर्ग और माता-पिता आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा-125 के अन्तर्गत भी भरण-पोषण खर्च प्राप्त करने के अधिकारी हैं, परन्तु वो प्रक्रिया सामान्य कानूनी प्रक्रिया की तरह बहुत खर्चीली और लम्बा समय लेने वाली होती है। इसलिए एक सरल, कम खर्चीली और तेज गति से कार्य करने वाली प्रक्रिया की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए संसद ने एक कानून “माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरणपोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007,” पारित किया। इसलिए एक सरल, कम खर्चीली और तेज गति से कार्य करने वाली प्रक्रिया की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए संसद ने उक्त कानून पारित किया।
वरिष्ठ नागरिक कानून के अन्तर्गत बच्चों से अभिप्राय पुत्र, पुत्री, सुपौत्र और सुपौत्री से है, परन्तु इसमें अवयस्क बच्चों को शामिल नहीं किया गया। माता-पिता की परिभाषा में पैदा करने वाले माता-पिता के साथ सौतेले माता-पिता को भी शामिल किया गया है। माता-पिता के कल्याण में भोजन, स्वास्थ्य सुविधा, मनोरंजन तथा जीवन के लिए आवश्यक अन्य सभी सुविधाएँ शामिल हैं। भवन में बुजुर्गों को रहने का अधिकार भी जीवन पर्यंत होगा और बैंक से निर्धारित राशि कर्ज के रूप में मासिक या वार्षिक किश्तों में प्राप्त होती रहेगी। जो बुजुर्ग अपने उत्तराधिकारी अथवा रिश्तेदार को अपनी संपत्ति स्थानांतरित कर देते है, परन्तु बाद में अपने भरण पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं के लिए धन पाने में असफल रहते हैं, वे ट्रिब्यूनल में अपील कर अपनी जायदाद वापस ले सकते हैं।
इसके अतिरिक्त सचिव ने विधिक कार्यक्रमों के आयोजनों एवं शिविरों के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी तथा तथा आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत- 09.12.2023 अदालत के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की| सचिव महोदय ने पराविधिक स्वयंसेवक राहुल कुमार को निर्देशित किया कि हर सप्ताह के अन्त में वृद्धाश्रम का निरीक्षण करेंगे तथा रिपोर्ट पेश करेंगे|
उक्त कार्यक्रम में अनुपमा सिंह नायब तहसीलदार ने कि साठ वर्ष से ऊपर प्रत्येक नागरिक को वरिष्ठ नागरिक का दर्जा प्राप्त है। वे सभी सरकारी सुविधाओं के हकदार हैं। वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे के किराए में चालीस प्रतिशत छूट दी जाती है। सरकारी बसों में कुछ सीटें वरिष्ठ नागरिकों के बैठने के लिए आरक्षित रखी जाती हैं। अक्षम वरिष्ठ नागरिकों की शारीरिक सहायता एवं आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति की जिम्मेदारी उनकी संतान बेटा हो या बेटी और पोता-पोती पर डाली गई है। जिम्मेदारी न निभाने वाली संतान को दंड का प्रावधान रखा गया है।वृद्धावस्था पेंशन योजना के बारे में विस्तार से बताया।
उक्त कार्यक्रम में मान सिंह प्रबंधक वृद्धाश्रम ,फूलचन्द्र सरोज एस,आई, घनश्याम ग्राम प्रधान, पराविधिक स्वयंसेवक राहुल कुमार, राहुल श्रीवास्तव एवं वरिष्ठ नागरिक उपस्थित रहे | श्री मान सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त किया|