शाहजहांपुर । एक तस्वीर सामने आई जो मानवता को शर्मसार करती है । जिसमें बीमार बूढ़ी मां को उसका बेटा हाथ ठेले पर लादकर पैदल ही 4 किलोमीटर दूर अस्पताल पहुंचा लेकिन तब तक उसकी बूढ़ी मां की मौत हो चुकी थी । परिजनों का आरोप है कि समय पर एंबुलेंस और ईलाज मिल जाता तो उसकी मां की मौत नहीं होती, लेकिन एंबुलेंस के नहीं पहुंचने से उसकी बीमार मां की जान चली गई ।
मामला थाना जलालाबाद कस्बे का है, जहां के रहने वाले दिनेश ने बताया कि उसकी बूढ़ी मां बीना देवी के पेट में अचानक दर्द उठा जिसके चलते वह दर्द से बेहाल हो गईं ।
तब दिनेश ने बताया कि उसकी फोन में बैलेंस नहीं था । पड़ोसियों से मिन्नतें करते हुए कहा भी 108 एंबुलेंस बुलवाने के लिए तो किसी पड़ोसी ने एंबुलेंस को जानकारी दी , लेकिन समय पर पर एम्बुलेंस नहीं आई। पैसे के अभाव के कारण वह निजी वाहन की व्यवस्था भी नहीं कर सका।
सरकारी अस्पताल के डॉ. अमित यादव ने बताया कि उसकी मां की मौत रास्ते में ही हो चुकी थी।
ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अगर समय पर एंबुलेंस मिल जाती तो शायद उसकी मां की जान बच सकती थी।