उत्तर प्रदेश

योगी कैबिनेट में आज लिए गए यह अहम फैसले

लखनऊ । मंगलवार को हुई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्तावों पर मुहर लगी।

उ0प्र0 स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंसेज, लखनऊ के कैम्पस में स्थापित होने वाले राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गांधीनगर, गुजरात के रीजनल सेन्टर/कैम्पस के स्थाई भवन का निर्माण होने तक, डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में चिन्हित समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय के भवन को 03 वर्ष की अवधि हेतु निःशुल्क लिए जाने के लिए, गृह विभाग तथा दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के मध्य एम0ओ0यू0 किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत ।

श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर अयोध्या में मार्ग चौड़ीकरण/सुन्दरीकरण योजना के अन्तर्गत 12.940 किलोमीटर कुल लम्बाई के सहादतगंज नयाघाट मेन स्पाईन रोड के निर्माण हेतु, भूमि एवं भवन अधिग्रहण व्यय की 378.77 करोड़ रु0 की धनराशि सहित कुल 797.69 करोड़ रु0 की निर्माण लागत का प्रस्ताव स्वीकृत कर दिया गया ।

जनपद अयोध्या के विजन डॉक्यूमेंट के अनुसार इस मार्ग को आधुनिक बनाने हेतु सड़क के साथ ही सीवर, पावर केबिल, वॉटर डक्ट आदि की व्यवस्था की गयी है। इस तरह सभी यूटिलिटीज के लिए एक साथ मार्ग के साथ ही प्राविधान किया गया है। अयोध्या के इस 12.940 किलोमीटर कुल लम्बाई के मुख्य मार्ग का आगणन पूर्ण रूप से नये सिरे से एक मॉडर्न सिटी की ट्रंक रोड के रूप में किया गया है। ड्रेन आदि की डिजाइन मानक के अनुरूप की गयी है।

नगर निगम वाराणसी की सीमा विस्तार के सम्बन्ध में

नगर पंचायत सूजाबाद एवं नगर पालिका परिषद रामनगर के सम्पूर्ण क्षेत्र को नगर निगम वाराणसी के वृहत्तर नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित करते हुए नगर निगम वाराणसी की सीमा विस्तार करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। साथ ही, मंत्रिपरिषद ने अधिसूचना की अन्तर्वस्तु में संशोधन/परिवर्तन किये जाने की आवश्यकता होने पर सुसंगत संशोधन हेतु नगर विकास मंत्री को अधिकृत किये जाने का भी निर्णय लिया है।

नगर निगम वाराणसी की सीमा विस्तार किये जाने से उसमें सम्मिलित किये जाने वाले क्षेत्रों के निवासियों को और बेहतर मूलभूत अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। साथ ही, नागरिकों को प्रदान की जा रही सुविधाओं का बेहतर प्रबन्धन किया जा सकेगा। इस सीमा विस्तार से नगर निगम की आय में वृद्धि होगी, जिससे क्षेत्र के विकास हेतु निगम के व्यय सम्बन्धी दायित्व निर्वहन में आसानी होगी। क्षेत्र के अवस्थापना विकास के होने से स्थानीय निवासियों हेतु अतिरिक्त रोजगार सृजन की सम्भावना है।

नगर पालिका परिषदों के सीमा विस्तार के सम्बन्ध में

जनपद बुलन्दशहर की नगर पालिका परिषद अनूपशहर, जनपद गाजियाबाद की नगर पालिका परिषद मोदीनगर, मुरादनगर व लोनी, जनपद शामली की नगर पालिका परिषद कैराना तथा जनपद मुजफ्फरनगर की नगर पालिका परिषद खतौली के सीमा विस्तार के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। साथ ही, मंत्रिपरिषद ने सम्बन्धित अधिसूचनाओं के निर्गत होने के उपरान्त किसी त्रुटि के परिलक्षित होने पर नगर विकास विभाग के मंत्री को संशोधन/परिमार्जन के लिए अधिकृत करने का निर्णय लिया है।
जनपद बुलन्दशहर की नगर पालिका परिषद अनूपशहर के विस्तार के प्रस्ताव में जाफराबाद, लच्छमपुर, कुंवरी, शेरपुर फतेहपुर, करनपुर पगौना ग्रामों को शामिल किया गया है।
जनपद गाजियाबाद की नगर पालिका परिषद मोदीनगर के विस्तार के प्रस्ताव में बेगमाबाद बुदाना, बिसोखर, कादराबाद, सीकरी कलां, सीकरी खुर्द, औरंगाबाद गदाना, विजयनगर एवं सूरत सिटी गांवों, नगर पालिका परिषद मुरादनगर के विस्तार के प्रस्ताव में अबुपुर, सरना, सहबिस्वा जलालपुर रघुनाथपुर असालतपुर, मोहम्मदपुर गांवों तथा नगर पालिका परिषद लोनी के विस्तार के प्रस्ताव में अगरौला सादाबाद डुगरावली, पावी सादकपुर, सिखररानी, शरफुद्दीन जावली, बन्थला टीला शहबाजपुर, निस्तौली (आंशिक), हकीकतपुर, ऊर्फ खुदाबास, खानपुर जप्तीख, इलायचीपुर गांवों को शामिल किया गया है।
जनपद शामली की नगर पालिका परिषद कैराना के सीमा विस्तार के प्रस्ताव में ग्राम झाडखेडी (आंशिक), कैराना बाहर हदूद हलका नं02 (आंशिक), कैराना बाहर हदूद हलका नं01 (आंशिक), कैराना बाहर हदूद हलका नं03 (आंशिक) को शामिल करने का प्रस्ताव है।
जनपद मुजफ्फरनगर की नगर पालिका परिषद, खतौली के सीमा विस्तार के प्रस्ताव में खतौली रूरल/आबादी के खसरा नं0 99 से 1526, खतौली अर्बन (खतौली ग्रामीण) खसरा नं0460 से 492 व 494 से 553, मुबारिकपुर तिगाई खसरा नं0 97 से 111 व 124 से 128, खतौली अर्बन और रूरल के खसरा नं0 251 से 314 व 315 से 459 और 232 से 250, खतौली रूरल/अर्बन खसरा नं01 से 100 व 105 से 115 और 180 से 231 को सम्मिलित करने का प्रस्ताव है।
इन नगर पालिका परिषदों के सीमा विस्तार हेतु प्रस्तावित क्षेत्र के जनमानस को व्यावसायिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य, यातायात, सफाई व अन्य नागरिक सुविधाओं का लाभ प्राप्त होगा। इससे उनकी जीवन शैली की गुणवत्ता में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी। ग्रामीण क्षेत्रों का नगरीकरण होने से रोजगार सृजन की सम्भावनाएं बढ़ेंगी।

जनपद फतेहपुर की नगर पंचायत खागा तथा जनपद शाहजहांपुर की नगर पंचायत निगोही के सीमा विस्तार के प्रस्तावों के सम्बन्ध में

जनपद फतेहपुर की नगर पंचायत खागा तथा जनपद शाहजहांपुर की नगर पंचायत निगोही के सीमा विस्तार के प्रस्तावों को अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिपरिषद द्वारा इस सम्बन्ध में निर्गत अधिसूचना में किसी त्रुटि के परिलक्षित होने पर उसमें आवश्यकतानुसार संशोधन/परिमार्जन के लिए नगर विकास मंत्री को अधिकृत किया गया है।
इन नगर पंचायतों के सीमा विस्तार से इनकी सीमा में सम्मिलित होने वाले गांवों का उत्तरोत्तर विकास होगा तथा वहां के निवासियों को बेहतर शहरी सुविधाएं प्राप्त होंगी। नगर पंचायतों के सीमा विस्तार से क्षेत्र का सुनियोजित विकास होगा, जिससे रोजगार सृजन के विभिन्न अवसर सृजित होंगे।
ज्ञातव्य है कि जब किसी नगर पंचायत का निकटस्थ ग्राम/क्षेत्र, नगर पंचायत सीमा विस्तार किये जाने सम्बन्धी मानक पूर्ण करता है, तो उस क्षेत्र के सुनियोजित विकास हेतु नगर पंचायत का सीमा विस्तार किया जाता है।

जनपद प्रतापगढ़ में नगर पंचायत डेरवा बाजार के गठन सम्बन्धी अन्तिम अधिसूचना निर्गत किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति

जनपद प्रतापगढ़ में नगर पंचायत डेरवा बाजार के गठन सम्बन्धी अन्तिम अधिसूचना निर्गत किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। उक्त अधिसूचना के निर्गत होने के उपरान्त यदि कोई त्रुटि परिलक्षित होती है तो उसे आवश्यकतानुसार संशोधित/परिमार्जित किये जाने के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा नगर विकास मंत्री को अधिकृत किया गया है।
ज्ञातव्य है कि जनपद प्रतापगढ़ से नगर पंचायत डेरवा बाजार का गठन किये जाने के सम्बन्ध में प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। जिलाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रस्ताव के मानक के अनुसार उपयुक्त पाये जाने पर उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916 में प्राविधानित व्यवस्था के आलोक में नगर पंचायत डेरवा बाजार का गठन किये जाने के सम्बन्ध में अनन्तिम अधिसूचना निर्गत करते हुए जनसामान्य से आपत्तियां एवं सुझाव प्राप्त किये गये थे। प्राप्त आपत्तियों के नियमानुसार निस्तारण के उपरान्त जनपद प्रतापगढ़ में नगर पंचायत डेरवा बाजार का गठन किये जाने सम्बन्धी अधिसूचना को निर्गत करने के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के मार्गदर्शी सिद्धान्तों का अनुमोदन

मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना (CM-NSY : नवसृजित/उच्चीकृत /विस्तारित नगरीय स्थानीय निकाय हेतु) के मार्गदर्शी सिद्धान्तों को अनुमोदित कर दिया है। प्रदेश में नवसृजित/सीमा विस्तारित/उच्चीकृत नागर निकाय क्षेत्रों में नागरिकों को मूलभूत नगरीय सुविधाएं यथा-सड़क, पार्क, नाला/नाली, सामुदायिक भवन (कल्याण मण्डप), परिषदीय विद्यालय, आंगनबाड़ी केन्द्र तथा विद्युत क्षेत्र की आधारभूत संरचना का लाभ प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना क्रियान्वित की जाएगी।
इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से वर्तमान वित्तीय वर्ष तक नवसृजित/उच्चीकृत/सीमा विस्तारित कुल 191 निकायों तथा भविष्य में सृजित/उच्चीकृत/सीमा विस्तारित होने वाली प्रत्येक श्रेणी की निकायों के मध्य नवसृजित/विस्तारित क्षेत्र की जनसंख्या तथा क्षेत्रफल के आधार पर निर्धारित फार्मूले के अनुसार धनराशि आवंटित की जाएगी। फार्मूले के तहत नवसृजित/विस्तारित क्षेत्र की जनसंख्या 2011 को प्रदत्त भार 90 प्रतिशत तथा नवसृजित/विस्तारित क्षेत्र का क्षेत्रफल को प्रदत्त भार 10 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।
नगरीय निकायों की परियोजनाओं/कार्याें के लिए यदि योजनान्तर्गत किसी निकाय को फार्मूले के अनुसार आवंटित धनराशि से अधिक की आवश्यकता है, तो ऐसी स्थिति में धनराशि के मानक में नगरीय निकाय की आवश्यकता के दृष्टिगत जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर विचलन हेतु नगर विकास मंत्री अधिकृत होंगे। मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के क्रियान्वयन में कोई कठिनाई होने की दशा में मार्गदर्शी सिद्धान्तों में किसी परिवर्तन के लिए नगर विकास मंत्री को अधिकृत किया गया है।
मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में 550 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। इसमें से नवसृजित नगर पंचायत हेतु 366.30 करोड़ रुपये, सीमा विस्तारित नगर पंचायत हेतु 53.35 करोड़ रुपये, सीमा विस्तारित नगर पालिका परिषद हेतु 58.85 करोड़ रुपये, सीमा विस्तारित नगर निगम हेतु 71.50 करोड़ रुपये की धनराशि प्राविधानित है। योजनान्तर्गत आच्छादित नवसृजित/उच्चीकृत/सीमा विस्तारित निकायों को परियोजना हेतु स्वीकृत की जाने वाली धनराशि के सापेक्ष समतुल्य धनराशि उन्हें राज्य वित्त आयोग तथा केन्द्रीय वित्त आयोग एवं अन्य योजनाओं आदि से प्राप्त धनराशि में से यथासम्भव डवटेल करते हुए उपलब्ध करानी होगी, ताकि निकायों की विकास योजना की समुचित प्लानिंग हो सके तथा सार्थक तथा जनोपयोगी परियोजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो।
योजना के तहत भवनों के निर्माण में परम्परागत तकनीकों के अतिरिक्त पर्यावरण अनुकूल नवाचार तकनीक (इनोवेटिव कंस्ट्रक्शन टेक्नीक) का उपयोग किया जा सकता है।

Shubham Tripathi

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