मनन्यता अनुसार त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने लंका जाने के लिए समुद्र पर पत्थरों का पुल बनवाया था। पुल में लगे हर पत्थर पर राम नाम लिखा गया था, जो समुद्र में तैरते रहे। इसी तरह का एक पत्थर मैनपुरी की ईशन नदी में ग्रामीणों को मिला है। ग्रामीणों का दावा है कि राम नाम लिखा यह पत्थर नदी में तैर रहा था।
वही पशु चारवाह रहे चरवाहे की नज़र उस पर गयी, चरवाहा नदी में घुसकर पत्थर को बाहर निकाल लाया। राम नाम लिखे इस पत्थर को देखकर ग्रामीण आश्चर्यचकित हैं। आस्था भाव से इसकी पूजा कर रहे हैं। हालांकि विज्ञान के अनुसार पानी में पत्थर का तैरना संभव है।