
सुलतानपुर। सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय विवेकानंद नगर सुलतानपुर के प्रांगण में बुधवार को विद्या भारती से सम्बद्ध भारतीय शिक्षा समिति, पूर्वी उत्तर प्रदेश, काशी प्रान्त द्वारा आयोजित दस दिवसीय प्रान्तीय नवचयनित आचार्य प्रशिक्षण वर्ग 2025 का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन समारोह में अतिथियों के स्वागत एवं सम्मान के पश्चात उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री हेमचंद्र जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व की समस्त संस्कृतियों की जननी है। भारतीय संगीत, साहित्य और जीवनशैली व्यक्ति के अन्तर्मन का संवर्धन करती है और उसी के माध्यम से पूरी दुनिया को प्रभावित करने की क्षमता रखती है।

उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल पाठ्य पुस्तकों तक सीमित न रहकर, बालक के अंतःस्वरूप को पहचान कर उसके सर्वांगीण विकास की दिशा में कार्य करें। उन्होंने पंचकोशात्मक विकास की चर्चा करते हुए कहा कि बालक का विकास केवल बौद्धिक नहीं बल्कि शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक सभी स्तरों पर होना चाहिए। यह संकल्पना हमारी सनातन शिक्षा पद्धति में निहित रही है और अब इसी सिद्धांत को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी मान्यता दी गई है। उन्होंने नवचयनित आचार्यों का आह्वान किया कि वे स्वयं को केवल शिक्षक न मानकर राष्ट्र निर्माण के प्रमुख आधार स्तंभ के रूप में देखें और इस दायित्व को पूर्ण मनोयोग से निभाएं।