
अमेठी। समाज कल्याण विभाग में भ्रष्टाचार की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जिला समाज कल्याण अधिकारी मनोज कुमार शुक्ला पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उन्होंने अपने अधीनस्थ कर्मचारी से जबरन ₹40,000 अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर करवा लिए। इस मामले में समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के निर्देश पर गौरीगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। पूरे मामले की जांच सीओ गौरीगंज को दी गई है। निलंबन और मुकदमे की इस कार्रवाई से पूरे जिले में हड़कंप मचा है।
घटना 26 दिसंबर 2024 को हुई, जब समाज कल्याण विभाग के प्रधान सहायक गोकुल प्रसाद के मोबाइल से जबरदस्ती ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किए गए। आरोपी अधिकारी ने कर्मचारी का मोबाइल लेकर UPI पासवर्ड डाला और ₹40,000 अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। डिजिटल साक्ष्यों और बैंक स्टेटमेंट ने इस घोटाले को उजागर कर दिया।
जांच रिपोर्ट नंबर 863-864 (20 मार्च 2025) और 892 (30 मार्च 2025) में पुष्टि हुई कि धनराशि जबरन वसूली गई थी। आरोपी अधिकारी ने पहले आरोपों से इनकार किया, लेकिन डिजिटल सबूतों के आगे उसकी कोई दलील काम नहीं आई।
इस घटना के बाद समाज कल्याण विभाग के अन्य कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। सूत्रों के अनुसार, यह अधिकारी पहले भी इस तरह की हरकतें करता रहा है, लेकिन पहली बार उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हुई है। इस मामले में समाज कल्याण मंत्री के कड़े रुख के कारण आरोपी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 309(4), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66D और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज हो चुका है।
योगी सरकार ने इस पूरे प्रकरण में सख्त कदम उठाते हुए जिला समाज कल्याण अधिकारी मनोज कुमार शुक्ला और प्रधान सहायक गोकुल प्रसाद जायसवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि प्रधान सहायक गोकुल प्रसाद जायसवाल ने भी समाज कल्याण अधिकारी पर रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने जांच अधिकारी को यह भी बताया कि जिला समाज कल्याण अधिकारी ने जबरन उनके मोबाइल से अपनी पत्नी के खाते में ₹40,000 ट्रांसफर करवा लिए। वहीं, दूसरी ओर समाज कल्याण अधिकारी ने भी बाबू पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए हैं और कथित तौर पर एक रिश्वत लेते हुए वीडियो भी जांच अधिकारी को सौंपा है।
इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने अयोध्या मंडल के उप निदेशक को जांच का निर्देश दिया था, जिसके बाद निलंबन की कार्रवाई की गई। समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। विभागीय अधिकारी प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से ले रहे हैं और जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
बयान:
“मा. मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। विभागीय अधिकारी प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से लेते हैं, आरोपी कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा।” — श्री असीम अरुण, मंत्री, समाज कल्याण
अब सवाल यह उठता है कि क्या समाज कल्याण विभाग में और भी बड़े घोटाले छिपे हुए हैं? अमेठी में यह मामला चर्चा का विषय बन चुका है, और प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि जल्द से जल्द इस भ्रष्टाचार के मामले में और कड़ी कार्रवाई की जाए।