
लखनऊ।।प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से आज राजभवन के गांधी सभागार में राजस्थान राज्य का स्थापना दिवस भव्य रूप से मनाया गया। इस अवसर पर राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हुए कलाकारों ने राजस्थानी लोक गीत, चरी नृत्य, कालबेलिया नृत्य, भवई नृत्य और घूमर नृत्य की शानदार प्रस्तुतियां दीं।

अपर मुख्य सचिव, राज्यपाल, डॉ. सुधीर महादेव बोबडे ने राज्यपाल जी का संदेश पढ़कर सुनाया। राज्यपाल जी ने राजस्थान की गौरवशाली परंपराओं, समृद्ध इतिहास और विकास यात्रा की सराहना करते हुए राज्य की निरंतर प्रगति की कामना की। उन्होंने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ संकल्प के तहत इस आयोजन को राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताया।

राज्यपाल जी ने कहा कि राजस्थान अपने ऐतिहासिक दुर्गों, समृद्ध कला, परंपरागत व्यंजनों और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को स्मरण करते हुए राजस्थान के निर्माण में उनके प्रयासों की सराहना की।

कार्यक्रम में राजस्थान की सांस्कृतिक विशेषताओं पर आधारित एक विशेष प्रदर्शनी और डॉक्यूमेंट्री भी प्रस्तुत की गई, जिसमें राज्य की ऐतिहासिक विरासत, पर्यटन स्थलों और लोक परंपराओं का अद्भुत प्रदर्शन किया गया।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण सुभाष चन्द्र शर्मा, प्रमुख सचिव वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग अनिल कुमार-तृतीय, प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण मनीष चौहान, सचिव गृह एवं सतर्कता विभाग राजेश कुमार, डी.जी./सी.एम.डी. पुलिस आवास निगम प्रेम चन्द्र मीना, ए.डी.जी. ट्रेनिंग डॉ. राम कृष्ण सोनकर, आई.जी. कार्मिक शलभ माथुर, विशेष सचिव श्रीप्रकाश गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ. पंकज एल. जानी, विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं, राजभवन के अधिकारी-कर्मचारीगण सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
राजभवन के भव्य प्रांगण में रंगोली की कलात्मक सजावट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने इस आयोजन को यादगार बना दिया। अतिथियों ने कलाकारों की प्रस्तुतियों की भरपूर सराहना की।
कार्यक्रम के समापन पर राज्यपाल जी ने राजस्थान की निरंतर प्रगति और समृद्धि की कामना करते हुए सभी को बधाई दी।