ग्रेटर नोएडा । बछेड़ा गांव के रहने वाले सुभाष रावल गोमुख से कावड़ यात्रा की शुरुवात उन्होंने 17 जुलाई को किया था । सोमवार को वह दादरी के चिटहेड़ा गांव के शिव मंदिर पर पहुंच गए और यहां से उन्होंने एक अनोखी तरह की कावड़ यात्रा की शुरुआत की। जिसमे उनके दो बेटे भी मदद कर रहे है यहां से उनका गांव करीब 15 किलोमीटर दूर है। चिटहेड़ा से सुभाष ने कांच की बोतलों को तोड़ा और उसका ढ़ेर बनाकर उस पर लेटकर यात्रा की शुरुआत की।
उनके पुत्र ने बताया कि करीब 62 कांच की बोतलों को तोड़कर उनके कांच को एक बिछोने पर एकत्रित किया।इसके बाद इस बिछोने को जमीन पर बिछा दिया गया । हमारे पिता सुभाष रावल 15 किलोमीटर की दूरी को अर्धनग्न अवस्था में इस टूटे हुए कांच पर लेटकर ही तय करेंगे।
एक डीजे चल रहा है और शिव की भक्ति में लीन होकर वह कांच के ढेर पर लेट कर अपनी यात्रा को पूरा कर रहे हैं ।कांच के ढेर पर सुभाष रावल भगवान शिव के गीतों पर नृत्य भी कर रहे हैं। बड़ी बात यह है कि इस यात्रा के दौरान सुभाष रावल को कोई खरोंच तक नहीं आई है।