नुपुर शर्मा ने पिछले महीने भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
नुपुर शर्मा ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमे इन्होंने मांग की थी कि देशभर में उनके खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई दिल्ली में हो और उन्होंने अपनी जान का खतरा भी बताया था लेकिन कोर्ट ने नुपुर को कोई राहत देने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि नुपुर शर्मा द्वारा माफी मांगने और बयान वापस लेने में बहुत देर की गई। कोर्ट ने कहा था कि नुपुर ने जिस तरह से पूरे देश में भावनाओं को भड़काया है, देश में जो हो रहा है उसके लिए वह अकेले जिम्मेदार हैं। कोर्ट की फटकार के बाद नुपुर के वकील ने याचिका वापस ले ली थी।
एक बार फिर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। नुपुर ने मांग की है कि कोर्ट उनके खिलाफ दर्ज मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगाए। नुपुर ने कोर्ट से अपील की है कि कोर्ट देशभर में उनके खिलाफ दर्ज केसों पर एक साथ सुनवाई के लिए निर्देश जारी करे।
यह है मामला
पिछले दिनों वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर देशभर में चर्चा छिड़ी हुई थी। इसी को लेकर 27 मई को भाजपा के प्रवक्ता के तौर पर नुपुर एक नेशनल टेलीविजन न्यूज चैनल की डिबेट में पहुंचीं। बहस के दौरान उन्होंने इस्लामी मान्यताओं का जिक्र करते हुए विवादित टिप्पणी की। इस पर विवाद बढ़ा तो भाजपा ने एक बयान जारी कर बिना नुपुर का नाम लिए सफाई दी और फिर नुपुर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नुपुर शर्मा के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं।
उन पर सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में मुकदमे हैं। उनपर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप लगे हैं। इसके अलावा दंगा भड़काने का भी मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा मुंबई में दो, दिल्ली, हैदराबाद और श्रीनगर में एक-एक मामला दर्ज है। सभी जगह नुपुर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज किया गया है।