संवाददाता सचिन पाण्डेय
उन्नाव।।जनपद के सफीपुर स्थित मोहल्ला पीरज़ादगान में बड़े ही धूमधाम से पंद्रहवां (15वां) सालाना उर्स मुक़द्दस वाक़िफ-ए-रमूज़े तसव्वुफ़, हज़रत अश्शाह मतलूब सफ़ी अलमारूफ़ हज़रत एजाज़ मोहम्मद फारूक़ी उर्फ शम्मू मियाँ सफवी निज़ामी चिश्ती अलहिर्रहमतो रिज़वान हर साल की तरह इस साल भी बड़ी ही शानो शौकत के साथ मुनअक़िद हो रहा है।
आप हुज़ूर बन्दगी शेख़ मुबारक अलहिर्रमा के महबूबे नज़र और नूर-उल-अनवार हज़रत नूर मियां अलहिर्रमा के नूरे नज़र थे और आप अवाम-व-ख़वास में “अब्बी हुज़ूर” के नाम मशहूर-व-मारूफ थे। आपकी विलादत 15 शाबान सन् 1359 हिजरी में हुई।
आप हज़रत मख़दूम शाह सफ़ी शाहे विलायत सफ़ीपूरी र.अ. के 16वें सज्जादानशीन थे। हुस्ने इख़लाक़ व किरदार में आप अपने मशाएख़ के सरापा नमूना थे। आपकी ज़ात में दीनदारी, नेक नफ़सी, उसूल-पसंदी और मेहमान नवाज़ी जैसी बेशुमार खूबियां थीं। आप दुनियावी शोहरत से हमेशा दूर रहे और गोशा नशीनी को पसंद किया। इसके बावजूद जब आप का विसाल की ख़बर फैली तो चारो जानिब से हज़ारों की तादाद में लोग दीवाना वार टूट पड़े और उस परवान-ए-हुजूम को देखकर अपने तो अपने ग़ैर भी दंग रहे। आज भी जब आपका ज़िक्र होता है तो आपके मुहिब्बीन की आंखें पुरनम हो जाती हैं।
उर्स की तारीख़ : 19 जमादिल अव्वल सन् 1446 हिजरी मुताबिक़ 23 नवम्बर सन् 2024 बरोज़ शनिवार
निज़ामुल औक़ात:
बाद नमाज़े फज्र कुरान ख्वानी,
10 बजे दिन जिक्रे औलिया-ए-कराम, बाद नमाज़े ज़ोहर महफिले समा, 4 बजे क़ुल शरीफ
बाद नमाज़े असर फातेहा खास ( साहिबे सज्जादा के दौलत खाना दारूल अमान पर )।
बमक़ाम: मदीनतुल औलिया क़स्ब-ए-पुरनूर सफ़ीपुर शरीफ़ ज़िला उन्नाव यू0पी0, अलहिन्द।