संवाददाता सचिन पाण्डेय
उन्नाव।।गंजमुरादाबाद में चल रही राम लीला मैदान में धनुष यज्ञ, रावण बाणासुर संवाद, लक्ष्मण परशुराम संवाद, लीला का मंचन श्रेष्ठ कलाकारों द्वारा किया गया। राजा जनक ने सीता स्वयंवर के लिये देश विदेश के राजा महाराजा बुलवाये, लेकिन धनुष किसी से भी नहीं टूटा, क्योंकि सभी राजाओं के मन में अहंकार था। यह देख राजा जनक व्याकुल होकर विलाप करने लगे और इस प्रथ्वी को वीर विहीन कहा जिसे सुनकर लक्ष्मण ने क्रोध किया तब गुरुवर ने आदेश दिया तो पहले राम ने सभी को प्रणाम किया, और धनुष को तोड़ दिया। यह देख सभा में राम की जय जयकार होने लगी। सीता भी प्रफुल्लित हो गई और उन्होंने राम के गले में वरमाला पहनाकर मन ही मन भगवान को धन्यवाद ज्ञापित किया। धनुष का टूटना सुनकर परशुराम का आगमन होता है वह बहुत क्रोधित होते हैं और लक्ष्मण परशुराम का बहुत वीरता पूर्ण संवाद हुआ। जनक का अभिनय लक्ष्मीकांत अवस्थी, रावण की भूमिका में रावेन्द्र बाजपेई, बाणासुर की भूमिका बैजनाथ , परशुराम की भूमिका में राजू मिश्रा, और लक्ष्मण की भूमिका में अभिषेक त्रिपाठी के अभिनय की सभी ने सराहना की।