देवेंद्र तिवारी
उन्नाव। रक्षाबंधन पर्व को लेकर सोमवार को सुबह से ही जिला कारागार के बाहर सैकड़ों बहनें मुलाकात के लिए पहुंच गई। जेल प्रशासन ने कारागार में राखी बांधने आई बहनों के लिए एक एक कर राखी बांधने की व्यवस्था शुरु करवा दी गई थी। जेल अधीक्षक पंकज सिंह ने जेल में बंद भाईयों को बहनों से राखी बंधवाने के लिए पहले से व्यवस्थाएं चुस्त दुरुस्त कर रखी थी। कई शिफ्टों में जेल में बंद बंदियों की बहनों ने मिलाई कर लगभग एक हजार राखी बंद मिठाई खिलाई। जेल पहुंची बहनों में भाईयों से राखी बांधने के साथ लंबे समय बाद मुलाकात को लेकर काफी उत्साह दिखाई दिया। मुह मीठा कराने के साथ ही रक्षा का सूत्र बांधा। बदले में भाईयों से उपहार के बजाय अच्छाई के रास्ते पर चलने का वचन दिया।
बता दे की जेल प्रशासन ने इस आयोजन के लिए व्यापक तैयारी की थी। कैदियों के लिए राखी बांधने का यह अवसर एक मानसिक सुकून और खुशियों से भरपूर पल साबित हुआ। जेल में बंद कैदियों के लिए यह एक अनूठा मौका था जब वे अपने परिवार से मिल सके और उन्हें राखी बांधने का सुख प्राप्त हुआ। इससे न केवल कैदियों का मनोबल बढ़ा, बल्कि परिवार के साथ उनका मानसिक संबंध भी मजबूत हुआ। अभी तक इस आयोजन के दौरान 300 से अधिक कैदियों की बहनों से मुलाकात कराई जा चुकी है। इस दौरान प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि सब कुछ व्यवस्थित और सुरक्षित रहे। मुलाकात के समय का संयोजन, सुरक्षा प्रबंध और सभी को उचित समय पर जेल से बाहर भेजना, इन सभी पहलुओं का विशेष ध्यान रखा गया। राखी बांधने के इस आयोजन ने जेल में बंद कैदियों के लिए एक नई उमंग और खुशी का अहसास कराया। यह पर्व केवल एक परंपरा नहीं बल्कि सामाजिक स्नेह और भाई-बहन के रिश्ते की महत्वपूर्ण पहचान है। इस तरह के आयोजनों से कैदियों को समाज की मुख्यधारा से जुड़ा रहने का अहसास होता है, जो उनकी सुधार प्रक्रिया में सहायक साबित हो सकता है।जेल प्रशासन की यह पहल सामाजिक संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसने राखी के इस पावन पर्व को विशेष और यादगार बना दिया