सचिन पाण्डेय
उन्नाव। कोलकाता में हाल ही में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है। इस घटना के विरोध स्वरूप उन्नाव जिले के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया और काली पट्टी बांधकर ओपीडी में मरीजों का इलाज किया। इस घटना की निंदा करते हुए, डॉक्टरों ने आरोपी अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। बता दे कि कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी ने चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना ने समाज के हर वर्ग में गहरा दुख और गुस्सा पैदा किया है। इस संदर्भ में उन्नाव के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन का रास्ता अपनाया है। डॉक्टरों ने अपने आक्रोश को जाहिर करने के लिए काले पट्टे बांधे और एकजुट होकर ओपीडी में काम किया। उन्नाव के जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने इस प्रदर्शन के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की कि वे ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं और इस तरह की घटनाओं के खिलाफ खड़े हैं। उनका कहना है कि ऐसी घटनाओं से समाज और चिकित्सा पेशेवर दोनों को नुकसान पहुंचता है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आरोपी अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। डॉक्टरों का यह प्रदर्शन सिर्फ उनके गुस्से और दुख को दर्शाने का तरीका नहीं है, बल्कि यह चिकित्सा पेशेवरों के बीच एकजुटता और एकजुट आवाज को भी व्यक्त करता है। उनका कहना है कि इस तरह की घटनाओं की गंभीरता को समझते हुए, समाज को मिलकर इसके खिलाफ खड़ा होना होगा और सख्त कानूनी कार्रवाई करनी होगी। इस विरोध प्रदर्शन में डॉक्टरों ने अपने पेशेवर कर्तव्यों को निभाते हुए मरीजों का इलाज जारी रखा। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनकी व्यक्तिगत भावनाएं और प्रदर्शन उनके पेशेवर कामकाज में किसी भी तरह से विघ्न न डालें। डॉक्टरों ने इस प्रदर्शन के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि वे चिकित्सा क्षेत्र में काम करने के साथ-साथ समाज में व्याप्त असुरक्षा और हिंसा के खिलाफ भी आवाज उठाएंगे। उन्नाव के डॉक्टरों की इस साहसिक पहल ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि समाज के हर वर्ग को मिलकर एकजुट होकर काम करना होगा, ताकि महिलाओं और समाज के अन्य कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।