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एडवोकेट फारूक अहमद ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर  बांगरमऊ रेलवे स्टेशन पर जम्मू तवी व अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेनों को रोकने की करी मांग

सचिन पाण्डेय

उन्नाव।।क्षेत्रीय जनता की विशेष मांग पर जम्मू तवी व अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेनों को बांगरमऊ रेलवे स्टेशन पर रोके जाने के संबंध में फारूक अहमद एडवोकेट ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
मालूम हो कि क्षेत्र के ग्राम इस्माइलपुर आम्बापारा (कुर्मिन खेड़ा) निवासी उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ के वरिष्ठ अधिवक्ता तथा यश भारती सम्मान से सम्मानित प्रमुख समाजसेवी फारूक अहमद एडवोकेट ने जनहित याचिका के माध्यम से बांगरमऊ क्षेत्र के विकास के लिए तमाम ऐतिहासिक कार्य कराए हैं। क्षेत्रीय जनता की विशेष मांग पर बांगरमऊ नगर में स्थित रेलवे स्टेशन पर जम्मू तवी व अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेनों को रोके जाने के लिए फारूक अहमद एडवोकेट ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि जम्मू तवी व अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेने कानपुर से चलकर उन्नाव में रूकती हैं और उन्नाव से चलकर बालामऊ में इनका स्टॉपेज है। उन्नाव व बालामऊ के बीचो-बीच में कस्बा व तहसील बांगरमऊ में पड़ता है। बांगरमऊ व उसके आसपास की आम जनता लगभग 10 लाख के करीब होगी जो उपरोक्त दोनों ट्रेनों से यात्रा करने से वंचित है। क्योंकि दोनों ट्रेने बांगरमऊ में नहीं रुकती हैं। बांगरमऊ व उसके आसपास की आम जनता जो जम्मू या अमृतसर जाना चाहती है उपरोक्त ट्रेनों से यात्रा करने के लिए उन्हें 50 से 80 किलोमीटर उन्नाव या बालामऊ जाना पड़ता है जिससे काफी पैसा व समय बर्बाद होता है।

जम्मू तवी एक्सप्रेस सुबह 11:00 बजे व शाम को 3:00 बजे शुक्रवार को बांगरमऊ से निकलती है जो जम्मू से कानपुर व कानपुर से जम्मू आती जाती है। इसी प्रकार अमृतसर एक्सप्रेस कानपुर से अमृतसर जाने वाली ट्रेन सोमवार को रात 8:00 बजे बांगरमऊ से गुजरती है और अमृतसर से कानपुर जाने वाली ट्रेन बुधवार को 3:30 बजे शाम को वापस होती है। उपरोक्त दोनों एक्सप्रेस ट्रेनों के बांगरमऊ में न रुकने के कारण दोनों ट्रेनों से यात्रा करने के लिए लगभग 10 लाख आबादी वंचित है जो एक कल्याणकारी राज्य के लिए हितकर नहीं है। बांगरमऊ के आसपास का इलाका काफी पिछड़ा हुआ है इसलिए यहां के लोग अधिकतर रेलगाड़ी से ही सफर करते हैं। जबकि बांगरमऊ कस्बा एक ऐतिहासिक कस्बा है क्योंकि इस कस्बे में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित विशंभर दयाल त्रिपाठी पैदा हुए थे और वह वर्ष 1947 से 1962 तक भारत सरकार में मंत्री रहे थे। और इसी कस्बे में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद जसा सिंह भी पैदा हुए थे। इतने बड़े ऐतिहासिक कस्बे में उपरोक्त दोनों ट्रेनों का स्टाप न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। बांगरमऊ में दोनों ट्रेनों का स्टाप बनाए जाने के संबंध में रेल मंत्रालय व रेल विभाग को तत्काल निर्देशित करने का अनुरोध प्रधानमंत्री से किया गया है। पत्र की प्रतिलिपि रेल मंत्री भारत सरकार, अध्यक्ष रेलवे बोर्ड रेल भवन नई दिल्ली, महाप्रबंधक उत्तरी रेलवे बडौदा हाउस नई दिल्ली, व मंडल रेल प्रबंधक मुरादाबाद मंडल को भी सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई है।।

Rishabh Tiwari

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