सचिन पाण्डेय
उन्नाव। श्रीरामलीला कमेटी के तत्वावधान में साकेत धाम में 151वें श्रीरामलीला अमृत महोत्सव में श्रीधाम वृंदावन के सुविख्यात आचार्य स्वामी शिवम पाठक जी महाराज के कुशल निर्देशन में लीला का शुभारंभ मंगलाचरण, हनुमान चालीसा और रामायण जी की आरती के साथ हुआ। रामादल द्वारा सेतु निर्माण किया जाता है। राम की सेना समुद्र पार कर लंका पहुंचती है और एक एक कर लंका के बड़े बड़े योद्धा धराशायी होते हैं। कुम्भकरण को बड़े जतन करके जगाया जाता है और श्रीराम उसका वध करते हैं। अंत मे लंकेश ललकारता हुआ युद्ध के लिए आता है। राम लक्ष्मण अनेकानेक बाणों का संधान कर लंकेश के शीश और भुजाएं कई बार काट देते हैं लेकिन लंकेश अपनी अद्भुत शक्तियों से पुनः सजीव हो उठता है। विभीषण के सुझाव पर श्रीराम लंकेश के नाभि कुंड में अपने बाण का संधान करते है और विशालकाय लंकेश धराशायी होता है। साकेत धाम में स्थापित किए गए साठ फिट के पुतले का दहन के साथ आकाशीय आतिशबाजी के बीच जय श्रीराम के जय घोष से पूरा परिसर गुंजायमान हो जाता है।
कमेटी अध्यक्ष संजय राठी, महामंत्री अरविंद कुमार श्रीवास्तव कमल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंद्र प्रकाश अवस्थी, महोत्सव सूत्रधार कृष्णप्रिय मोती श्याम, पूर्व अध्यक्ष कांतिमोहन गुप्ता, कोषाध्यक्ष जगदीश महेश्वरी, महिला मंडल अध्यक्ष आरती यादव, प्रबंधक संजीव गुप्ता राजा, अधिवक्ता विनोद शर्मा, व्यवस्थापक इंदु प्रकाश अवस्थी व कौशल किशोर यादव, मीडिया प्रमुख डॉ मनीष सिंह सेंगर, ललित द्विवेदी आज़ाद, कुंवर अजय सिंह, शशिकांत गुप्ता, अवधेश सिंह, विवेक गुप्ता, शिवम तिवारी, राहुल कश्यप आदि ने पूजन और आरती में भाग लिया।