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जिलाधिकारी द्वारा सभी जिला स्तरीय एवं तहसील स्तरीय अधिकारियों से सम्बन्धित आईजीआरएस की समीक्षा की गई,पुरानी आख्या को अपलोड कर निस्तारण न किया जाए-जिलाधिकारी

उन्नाव। कलेक्ट्रेट स्थित पन्नालाल सभागार में जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे द्वारा सभी जिला स्तरीय एवं तहसील स्तरीय अधिकारियों से सम्बन्धित आईजीआरएस की समीक्षा की गयी।
इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा जानकारी दी गयी कि शासन एवं जनपद स्तर से आईजीआरएस/मुख्यमंत्री हेल्पलाइन/जिलाधिकारी जनता दर्शन में प्राप्त संदर्भों के संतुष्टिपरक निस्तारण पर मुख्यमंत्री द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसलिए निस्तारण को लेकर जिन प्रकरणों में स्थलीय निरीक्षण किया जाए, उनमें दो निष्पक्ष गवाहों के बयान, नाम, पता व मोबाइल नम्बर के साथ निस्तारण आख्या अपलोड की जाए। जिन प्रकरणों में आवेदक द्वारा असन्तोषजनक फीड बैक दिया गया हो, उन प्रकरणों में आवेदक से वार्ता कर एवं स्थलीय निरीक्षण कर उनके बयान सहित अन्तिम आख्या अपलोड की जाए। किसी भी दशा में पुरानी आख्या को अपलोड कर निस्तारण न किया जाए। उन्होने समस्त अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 10 बजे से 12 बजे तक जनता दर्शन के दौरान अपने-अपने कार्यालय में अनिवार्य रूप से बैठे तथा जन सामान्य की समस्याओं को गम्भीरतापूर्वक सुनें और उनका समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कराना सुनिश्चित करें।

इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। आईजीआरएस की गम्भीरता को लेकर जिलाधिकारी ने कहा कि सम्बन्धित अधिकारीगण स्वयं स्थलीय निरीक्षण कर शिकायतों का सन्तुष्टिपरक निस्तारण सुनिश्चित कराएं। किसी भी दशा में आईजीआरएस पोर्टल पर सन्दर्भ डिफाल्टर न होने पाएं, इसके लिए आईजीआरएस पोर्टल को नियमित रूप से लाॅगिन किया जाए।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज, एएसपी शशि शेखर सिंह, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) विकास कुमार सिंह, जिला विकास अधिकारी संजय पाण्डेय, परियोजना निदेशक कमलेश कुमार सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी गण मौजूद रहे।

Rishabh Tiwari

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