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भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर निर्वाचक नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण और पुनरीक्षण पूर्व की जाने वाली कार्यवाहियों को लेकर राजनैतिक दलों के साथ हुई बैठक

सचिन पाण्डेय

उन्नाव।भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अर्हता तिथि 01 जनवरी 2024 के आधार पर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण और पुनरीक्षण पूर्व की जाने वाली कार्यवाहियों के दृष्टिगत मतदेय स्थलों के सम्भाजन को लेकर कलेक्ट्रेट स्थिति पन्नालाल सभागार में जिला निर्वाचन अधिकारी अपूर्वा दुबे की अध्यक्षता में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गयी।

मतदेय स्थलों के भौतिक सत्यापन के पश्चात समस्त उप जिलाधिकारी/निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों से प्राप्त सूचना के अनुसार विधानसभा 162-बांगरमऊ में 391, विधानसभा 163-सफीपुर में 397, विधानसभा 164-मोहान में 399, विधानसभा 165-उन्नाव में 399, विधानसभा 166-भगवन्तनगर में 459 तथा विधानसभा 167-पुरवा में 446 जनपद में कुल 2491 मतदेय स्थल हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने सम्भाजन को लेकर सभी उप जिलाधिकारी/निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मतदेय स्थलों का सम्भाजन अधिकतम 1500 मतदाताओं के आधार पर किया जाए। सम्भाजन के संबंध में की जाने वाली कार्यवाही के अन्र्तगत नए मतदेय स्थल बनाने अथवा वर्तमान मतदेय स्थलों के पुनर्गठन के दौरान आयोग के दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।

विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रवार मतदेय स्थलों की नई सूची में नामों की शुद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। विशेष परिस्थितियों में 300 से कम मतदाता वाले मतदेय स्थलों को रखा जाना अपरिहार्य हो, तो प्रस्ताव में उस मतदेय स्थल को बनाये रखे जाने के सम्बन्ध में स्पष्ट कारण का उल्लेख कर किया जाए। शहरी क्षेत्रों में जहाँ नयी आवासीय कालोनियां गत कुछ वर्षों में बनी हैं और उसमें नागरिक निवास करने लगे हैं तो वहाँ पर आवश्यकतानुसार नया पोलिंग स्टेशन बनाया जाए। अत्यधिक पुराने व जर्जर भवन एवं अस्थायी निर्माण वाले मतदेय स्थलों को उसी मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत उपलब्ध स्थायी भवन में स्थानान्तरित कर दिया जाए। ऐसे मतदेय स्थलों को चिन्हित किया जाए, जो मुख्य गाँव/बस्ती से पर्याप्त दूरी पर हैं, उन मतदेय स्थलों को वहाँ से हटाकर मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत किसी सुविधाजनक भवन में स्थापित किया जाए। यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि पोलिंग स्टेशन की दूरी लगभग 02 कि०मी० से अधिक न हो। जिन मतदेय स्थलों के भवन पुराने व जर्जर नहीं हैं तथा जहाँ मतदाताओं को 02 कि०मी० से अधिक दूरी चलने की आवश्यकता नहीं है, ऐसे मतदेय स्थलों की स्थिति में परिवर्तन न किया जाए। कोई मतदेय स्थल यदि अपने मतदान क्षेत्र में उपयुक्त भवन न उपलब्ध होने के कारण मतदान क्षेत्र से बाहर स्थित है और अब मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत उपयुक्त भवन उपलब्ध हो गया है तो ऐसे मतदेय स्थल को अपने मतदान क्षेत्र के अन्दर स्थित भवन में शिफ्ट कर दिया जाए। सभी मतदेय स्थल भवनों के यथासम्भव भूतल पर होना सुनिश्चित किया जाए। दिव्यांगजनों और अशक्त मतदाताओं की सुविधा के लिये प्रत्येक मतदेय स्थल पर रैम्प की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। किसी भी राजनैतिक दल या लेबर यूनियन के कार्यालय से 200 मीटर के अन्दर कोई भी मतदेय स्थल नहीं बनाया जाए। यह भी सुनिश्चित कर लिया जाय कि मतदेय स्थलों के सम्भाजन के पश्चात् मतदेय स्थलों के स्थान में अंतिम क्षणों में परिवर्तन की आवश्यकता न रहे। यदि कोई मतदेय स्थल निजी भवन में स्थापित है और वहां यदि शासकीय भवन उपलब्ध हो गये हैं तो ऐसे मतदेय स्थलों को शासकीय भवनों में स्थानान्तरित कर दिया जाए। मतदेय स्थलों के सम्बन्ध में राजनैतिक दलों से प्राप्त सभी शिकायतों तथा सुझावों की सम्यक् रूप से जांच की जाय तथा उनका गुणवत्तापूर्ण निपटान किया जाए। मतदेय स्थलों को बनाते समय ए0एम0एफ0 संबंधी सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा जाए।

Rishabh Tiwari

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