
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों की तरफ से वर्ष 2023-24 की दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता में औसत 18 से 23 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है। इसी में विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह व सदस्य वीके श्रीवास्तव की पीठ ने मंगलवार को इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
उपरोक्त प्रस्ताव में घरेलू उपभोक्तओं की बिजली दरों में लगभग 18 से 23 प्रतिशत तक वृद्धि प्रस्तावित है। वही अन्य विद्युत उपभोक्ताओ की दरों में औसत 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव है। उद्योगों की बिजली दरों में भी 16 फीसदी तक वृद्धि प्रस्तावित की है। और सभी बिजली कंपनियों की वार्षिक राजस्व आवश्यकता लगभग 92547 करोड़ है। वितरण हानियां 14.9 प्रतिशत हैं। वर्ष 2023-24 का अंतराल 9140 करोड है।
वही उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि किसी भी हालत में बिजली दरों में बढ़तोरी प्रस्ताव को लागू नहीं होने दिया जाएगा।