लखनऊ नवनिर्मित श्री श्री जगरनाथ जी का मंदिर का निर्माण कर स्थापना अक्टूबर 2022 में किया गया, जब कि ओड़िया लोग उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 60-70 सालो से निवास कर रहे है । कम शिक्षा वाले अधिक थे, तब कुछ सामान्य व निर्बल उड़िया व्यक्ति को जोड़ कर एक उड़िया समाज समिति की स्थापना की नींव 1972 में रखा गया था, जिसका उद्देश्य था लखनऊ में एक श्री जगन्नाथ जी का मंदिर का निर्माण कर स्थापना करना, जिसके लिये 1977 में भूत नाथ मंदिर के पास तीन बिस्वा यानी 3,978 वर्गफीट जमीन क्रय किया गया था, लेकिन यहां पर जब कुछ उड़िया बुद्धिजीवी को समूह से जोड़ा गया तो यहां पर भी राजनीति होने लगी थी, इससे दुखी हो कर इस समूह/समाज/समिति को बनाने वालों प्रमुख्य लोगों ने अपना अपना त्यागपत्र दे कर अलग हो गये, इसके बाद इस उड़िया समाज की बाग डोर बुद्धिमान बुद्धिजीवी लोगों ने संभाला ,
लेकिन आज लगभग 45-50 सालो से किसी भी उड़िया व्यक्ति ने कुछ भी कार्य सामाजिक नहीं किया।जब कि इस समाज के लोग,उत्तर प्रदेश के उच्च उच्च पदों पर थे और आज भी है, सब कागजो पर ही चर्चा होती, जमीन पर कुछ भी नही।
यहाँ पर लखनऊ से 32-33 कि.मी.की दूरी पर कानपुर रोड में सोरांमउ कस्बा है यही के एक स्वर्णकार सोनी परिवार उमाशंकर तथा सुरेंद्र प्रसाद,जोकि श्री जगन्नाथ जी के भक्त हैं, दर्शन के लिये अनेक बार पूरी उड़ीसा जाते आते रहे , बस इनके मन में आया कि श्री जगरनाथ जी का मंदिर बनाया जाये, और साल 2017 में श्री जगरनाथ मन्दिर बनाने को मन बना लिया, चले थे अकेले, लेकिन करवा बनता चला गया, धीरे धीरे लोगो के दान सहयोग से और साल 2022 में मन्दिर बना कर, अक्टूबर 2022 में श्री जगरनाथ जी मूर्ति की स्थापना पुजारी गुरू चन्दन हजूरी, पूरी, ओडिसा के करकमलों से किया गया। अब इस मंदिर में श्रीजगन्नाथनाथ जी के दर्शन के लिये दूर दराज से लोग आते हैं, साधुओं के लिये, विशेष सुविधा की जा रही हैं, दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिये रहने की व्यवस्था भी की जा रही है।
दिनांक 11फरवरी से 19फरवरी तक रूद्राभिषेक महोत्सव व विशाल भंडारा का आयोजन होने वाला है, मन्दिर के इस कार्यक्रम के बारे में राघवदास महाराज मोबाइल 6381877653 से सम्पर्क कर सकते है।