संवाददाता सचिन पाण्डेय
उन्नाव। मेम्बर/जज मा0 उच्च न्यायालय /एन0जी0टी0 डाॅ0 अफरोज़ अहमद की अध्यक्षता तथा जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे की उपस्थिति में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के दिशा निर्देशों के अनुपालन के सम्बन्ध में कलेक्ट्रेट स्थित पन्नालाल सभागार में बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में मा0 जज द्वारा ठोस कचरा, प्लास्टिक कचरा, बायो मेडिकल कचरा, औद्योगिक कचरा, ई-वेस्ट, वायु, जल, ध्वनि, डाॅमेस्टिक सीवेज, खनन एवं निर्माण कार्य आदि के प्रदूषकों के निस्तारण एवं प्रबन्धन की जिला स्तरीय कार्य योजना की विस्तृत समीक्षा की गयी। इस मौके पर जिला पर्यावरण समिति के अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि पर्यावरण को बचाने एवं विभिन्न प्रकार के प्रदूषण प्रबन्धन के लिए बनायी गयी कार्य योजनाओं पर शत-प्रतिशत अमल किया जाए। उन्होने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए सिर्फ प्रशासन ही नहीं, बल्कि हम सभी समझदार नागरिकों की भी जिम्मेदारी है। उन्होने कहा कि समीक्षा से पता चला है कि उन्नाव जिला प्रशासन पर्यावरण प्रदूषण कन्ट्रोल करने के लिए काफी सजग है। जनपद उन्नाव में सीवेज को ट्रीट कर गंगा नदी में साफ पानी छोड़े जाने के लिए दो सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट (डकारी एवं शुक्लागंज) निर्माणाधीन है।
इस मौके पर जज ने कहा कि औद्योगीकरण आधुनिक समय की आवश्यकता है, हमें पर्यावरण और विकास को साथ लेकर चलना होगा। विकास के साथ-साथ हमें पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए हर सम्भव प्रयास करने होंगे। इसके लिए प्रदूषण प्रबन्धन में टेक्नोलाॅजी का उपयोग, बड़ी संख्या में वृक्षारोपण, प्राकृतिक नदियों, झीलों, तालाबों, नम भूमियों, वनों, फ्लोरा और फाॅना का संरक्षण करना होगा। पर्यावरण प्रदूषण सिर्फ देश की ही नहीं, बल्कि पूरी दुनियां की समस्या है। इस गम्भीर समस्या को समय रहते अगर हल न किया गया, तो पृथ्वी को बचा पाना बहुत ही मुश्किल हो जायेगा। उन्होने पर्यावरण संरक्षण के सम्बन्ध में प्रभागीय वनाधिकारी को निर्देश दिये कि विलुप्त पौधों की नस्लों को विकसित करें तथा जिला-प्रशासन की मदद से जनपद की खाली भूमियों पर वृह्द वृक्षारोपण कराएं। पेड़ों से ही कार्बन को नियंत्रित किया जा सकता है। सामूहिक प्रयास, जन भागेदारी एवं टेक्नोलाॅजी के सदुपयोग से रेगिस्तान को भी हरा-भरा बनाया जा सकता है। उन्होने जिला-प्रशासन को निर्देश दिये हैं, कि पर्यावरण को क्षति पहुॅचाने वाले कारकों में गैर कानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठायें तथा राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के दिशा-निर्देशों का अक्षरसः पालन करायें।
बैठक में अल्पसंख्यक आयोग, उ0प्र0 के सदस्य डाॅ0 सम्मान अफरोज़, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ शंकर मीना, मुख्य विकास अधिकारी ऋषि राज, प्रभागीय वनाधिकारी ईशा तिवारी, अपर जिलाधिकारी न्यायिक विकास कुमार सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 सत्य प्रकाश, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शशि विन्दर सिंह सहित अन्य अधिकारीगण, उद्यमी आदि उपस्थित रहे।