रायबरेली । “विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस” के मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में गोष्ठी आयोजित हुई |
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए व्यक्ति को सही खानपान और नियमित जीवन शैली अपनाना चाहिए, बेवजह दिमाग पर बोझ न डालें और नकारात्मक सोच से बचें । फर्ज, मर्ज और कर्ज में आपसी सामंजस्य बनाकर चलें। मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्या को नजरंदाज न करें | यदि रोजमर्रा के कार्यों एवं चीजों में भूलने की समस्या हो, नींद न आए या देर से आए, उदास या मायूस रहे, आत्महत्या का विचार बार-बार आए, उल्टा-सीधा बोले , गुस्सा अधिक आए, किसी प्रकार का नशा करना, वेवजह शंका करना, आवश्यकता से अधिक सफाई करना, झटके या बेहोशी के दौरे आना सिर दर्द या भारीपन बना रहना या बार-बार एक ही काम को करना जैसे लक्षण दिखाई दें तो सचेत हो जाएं और मनोचिकित्सक से संपर्क करें |
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डॉ अंशुमान सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में मनोचिकित्सा क्लिनिक है जहां पर मानसिक स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों की जांच और इलाज किया जाता है | साथ ही परामर्श भी दिया जाता है | मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याग्रसित व्यक्ति को वहां लेकर जाएं तथा रोगी को तनाव से बचा कर रखें।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की निगरानी एवं मूल्यांकन अधिकारी रिजवाना परवीन ने बताया कि 14 अक्टूबर को जिला अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रचार प्रसार सामग्री व अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूक किया जाएगा | मानसिक स्वास्थ्य को लेकर लोगों में अंधविश्वास भी प्रचलित है | अंधविश्वास से बचें और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्या होने पर मनोचिकित्सक से जांच और इलाज कराएं |
तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की जिला सलाहकार पूनम ने बताया कि धूम्रपान, एल्कोहॉल, नशीले पदार्थों, तंबाकू और तंबाकू उत्पाद के सेवन से भी बचें क्योंकि मानसिक रोगों के कारणों में एक कारण यह भी है | इनका सेवन भी मानसिक स्वास्थ्य पर व्यापक असर डालता है |
इस कार्यक्रम में डॉ आर एस कुठार, डॉ अरुण कुमार, डा अम्बिका प्रकाश, डॉ अशोक कुमार रावत, डॉक्टर आरबी यादव, डॉ हरीश वैश्य, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डीएस अस्थाना, नितेश जयसवाल व विनय पांडे आदि उपस्थित रहे |