वाराणसी । सोमवार रात छात्रा ने लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उसे 11 सितंबर की रात अनजान नंबर से वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को लखनऊ में तैनात आईपीएस अधिकारी अंकित गुप्ता बताया। उसकी डीपी में डीआईजी का लोगो लगा था।
उसने कहा कि उसकी अश्लील वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जांच के नाम पर डरा धमका कर 2400 रुपये ऑनलाइन ऐंठ लिये। छात्रा ने जब अपनी वीडियो होने से इनकार किया तो उसने कहा कि इसकी जांच महिला पुलिस अधिकारी ऑनलाइन करेंगी। छात्रा को व्हाट्सअप कॉल कर वीडियो की जांच के नाम पर न्यूड होने के लिए कहा। सहमी छात्रा ने कहा मान लिया।वीडियो कॉल कर एडिट अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग का धंधा आम हो चुका है। बदनामी के डर से प्राय रोज लोग ठगे जा रहे हैं लेकिन पुलिस के पास कभी-कभार पहुंच रहा है।
गिरफ्तार हुए सरगना चंद्रपाल और उसके दोस्त मो. नसीर के पास से दो मोबाइल फोन बरामद हुए। फोन में 28 लड़कियों, महिलाओं की तस्वीरें, उनके मोबाइल नंबर, वीडियो, एडिट फोटो व वीडियो मिले हैं। बीएचयू की दो छात्राओं की फोटो, वीडियो के साथ ही कई पुलिस अधिकारियों के फोटो भी मिले हैं। पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने बताया कि इनके अपराध के बारे में अन्य जिलों में भी पता लगाया जा रहा है। कुछ केस पड़ोसी राज्यों के भी हैं। इन पर गैंगस्टर की कार्रवाई होगी। गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी कर उनकी भी गिरफ्तारी होगी। पुलिस सबकी जांच कर रही है।
बीएचयू के केस में छात्रा के हिम्मत दिखाने पर अपराधी पकड़े गये हैं। पुलिस आयुक्त ने अपील की कि ऐसे केस किसी के पास हों तो पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं। पता और नाम गोपनीय रखते हुए कार्रवाई की जाएगी।