लखनऊ

नोटिस के बाद भी नहीं खाली हुई जर्जर इमारत ,दुकानदार दे रहे हादसे को दावत

लखनऊ थाना अमीनाबाद अंतर्गत जर्जर इमारत के नीचे खरीदारी जानलेवा अमीनाबाद चौराहे पर पुलिस चौकी के ठीक सामने ये इमारत के दुकानदार दे रहे हादसे को दावत बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। इस बिल्डिंग के निचले हिस्से में दुकानें चल रही हैं। यहां पर ज्यादातर में घड़ी एवं कपड़े आदि की आधा दर्जन से ज्यादा दुकानें हैं। बिल्डिंग के ठीक नीचे कई ठेले वाले भी रहते हैं। यहां पर रोजाना अधिक संख्या में लोग खरीदारी करने आते हैं। इस भवन की परिधि में हर समय 70 से 80 लोग रहते हैं, जो दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।

कुछ ऐसा ही हाल अमीनाबाद में राज रतन के बगल वाली बिल्डिंग का है। यह बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है। लेकिन नीचे दुकानें और फुटपाथ पर ठेके आदि खड़े रहते हैं। वहीं गड़बड़झाला के पास एक भवन का ऊपरी हिस्सा खंडहर में तब्दील हो गया है। इस पूरे इलाके में हमेशा यातायात और खरीदारों का भारी दबाव रहता है। यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।भले ही आंकड़ों, दस्तावेजों में जर्जर घोषित नहीं किया गया है, लेकिन मौके पर यह जर्जर, खंडहर और खस्ताहाल हैं।

अमीनाबाद हजरतगंज और पुराने लखनऊ सहित शहर के कई इलाकों में 100 के करीब जर्जर इमारते हैं, शहर के बीचोबीच में अमीनाबाद मैं जर्जर इमारत है कभी भी बड़ी घटना में बड़ा हादसा हो सकता है लेकिन इसका जिम्मेदार कौन और शहर के पोज इलाके में 70 साल पहले बनी हुई बिल्डिंग गिरने से दो महिला इस इमारत का एक हादसा बीते साल रात में ढहाई गई थी उसके बाद इस बिल्डिंग को ढहाने की नोटिस जारी हुआ लेकिन विवाद के चलते यह बिल्डिंग अभी तक ढ़हाई नहीं गई है, सिर्फ ऊपर से प्लास्टर कर दिया और फिर उसमें उसी तरह दुकानें चल रही हैं।

संवाददाता इरफान कुरेशी

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