
रामपुर। जनहित के मुद्दों को लेकर निरंतर सक्रिय राष्ट्रीय मानवाधिकार एंड एन्टी करप्शन मिशन की एक गंभीर पहल ने रामपुर जिला अस्पताल की व्यवस्था में बदलाव की शुरुआत कर दी है। कुछ ही दिन पूर्व संगठन के मुरादाबाद मंडल अध्यक्ष मोहम्मद यासीन खां ने अस्पताल में व्याप्त अनियमितताओं, सफाई की बदहाली, तंबाकू सेवन, अव्यवस्थित पार्किंग और अंदर दोपहिया वाहनों की आवाजाही जैसी समस्याओं को लेकर जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. डी.के. वर्मा से औपचारिक भेंट की थी।
इस मुलाकात के दौरान यासीन खां ने मरीजों और उनके परिजनों को होने वाली परेशानियों की विस्तार से जानकारी दी और अपेक्षा जताई कि अस्पताल प्रशासन इस पर गंभीरता से कदम उठाए। संगठन द्वारा प्रस्तुत की गई समस्याओं को सीएमएस डॉ. वर्मा ने तत्काल संज्ञान में लिया और उसी समय से जिला अस्पताल में एक नई व्यवस्था की नींव रखी गई।
डॉ. वर्मा के निर्देश पर अस्पताल परिसर में तंबाकू और नशे के सेवन पर सख्त पाबंदी लागू की गई है। साथ ही अस्पताल में प्रवेश करते ही पार्किंग व्यवस्था का स्पष्ट प्रभाव दिखने लगा है, जिससे मरीजों और कर्मचारियों को राहत मिली है। अस्पताल परिसर के अंदर दोपहिया वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है, जिसके लिए चैन बैरियर लगाया गया है। इससे अस्पताल का वातावरण अधिक अनुशासित और सुरक्षित हो गया है।
स्वच्छता के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय सुधार देखने को मिले हैं। अस्पताल की गलियों, वार्डों और विशेषकर शौचालयों की सफाई व्यवस्था में स्पष्ट बदलाव नजर आ रहा है। सफाईकर्मियों की जिम्मेदारियां पुनः तय की गई हैं और रोजाना नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है। मरीजों के परिजनों ने भी साफ-सफाई में आए इस बदलाव की प्रशंसा की है।
इन सुधारों को देखने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार एंड एन्टी करप्शन मिशन के मंडल अध्यक्ष यासीन खां एक बार फिर सीएमएस डॉ. डी.के. वर्मा से भेंट करने पहुंचे और उनके कार्यों की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब कोई अधिकारी जनहित को सर्वोपरि रखकर कार्य करता है, तो समाज में सकारात्मक बदलाव संभव हो पाता है।
यासीन खां ने अस्पताल के समस्त चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और कर्मचारियों से अपील की कि वे अस्पताल की बेहतरी के लिए सीएमएस डॉ. वर्मा का पूरा सहयोग करें। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि संगठन भविष्य में भी इसी तरह समाजहित के कार्यों में प्रशासन का सहयोग करता रहेगा।
जनता के बीच भी इन बदलावों को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोग कह रहे हैं कि पहले के मुकाबले अब अस्पताल का माहौल अधिक व्यवस्थित, स्वच्छ और मरीजों के अनुकूल हो गया है। यदि यह प्रयास इसी प्रकार जारी रहे, तो रामपुर जिला अस्पताल पूरे मंडल में एक अनुकरणीय मॉडल के रूप में स्थापित हो सकता है।