लखनऊ । प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने बुधवार को विकास प्राधिकरण उपाध्यक्षों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान यह निर्देश दिया है कि प्रमुख सचिव ने आवास विकास परिषद सभागार में आयोजित बैठक के दौरान विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्षों को निर्देश दिया कि शहर में बने मॉल, निजी अस्पताल, होटल और कोचिंग सेंटरों की जांच का अभियान चलाया जाए।
इस दौरान यह देखा जाए कि सभी मानक के अनुरूप बने हैं या नहीं। इनमें आग से बचाव या फिर अन्य जरूरी इंतजाम किए गए हैं या नहीं। मानक के इतर जो भी बने हों उनके भवन स्वामियों को पहले नोटिस देकर खामियों को दूर करने का निर्देश दिया जाए। इसके बाद भी इसमें सुधार नहीं होता है तो इनके खिलाफ सीलिंग और अवैध निर्माणों को तोड़ने की कार्रवाई की जाए।
अवैध निर्माण और अवैध कालोनियों के बारे में भी जानकारी ली। इस दौरान बताया गया कि प्रदेश भर में छोटे-बड़े मिलाकर करीब सवा लाख से अधिक अवैध निर्माण हैं। इन निर्माणों को समय-समय पर तोड़ने का अभियान भी चलाया जाता रहा है। प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया कि अवैध निर्माण पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
होटल लेवाना सुईट्स अग्निकांड के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण ने शासन को जो रिपोर्ट भेजी है उस पर भी सवाल निशान लगाए जा रहे हैं। एलडीए ने शहर में सिर्फ 140 अवैध निर्माण की जानकारी दी है। केवल संख्या बताई गई है, लेकिन यह नहीं बताया कि इसमें होटल, अस्पताल, मॉल और अपार्टमेंट कितने हैं। शासन ने इस पर नाराजगी जताते हुए एलडीए उपाध्यक्ष से जवाब तलब किया है। उनसे अवैध निर्माण की सूची भी मांगी गई है और यह भी पूछा गया है कि इनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।
एलडीए ने होटल लेवाना सुईट्स मामले में दोषी अधिकारियों को बचाते हुए केवल अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा था। शासन ने इस पर आपत्ति जताते हुए दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के बारे में भी मंगलवार की शाम तीन बजे तक कार्रवाई सहित पूरी स्थिति से अवगत कराने को कहा था, लेकिन बुधवार को भी एलडीए ने इसे नहीं भेजा। आवास विभाग ने नाराजगी जताते हुए इस संबंध में एलडीए को पुन: पत्र भेजा है।