
अमेठी। जिला स्वच्छ भारत मिशन मैनेजमेंट कमेटी के अंतर्गत जिला स्वच्छता समिति की महत्वपूर्ण बैठक आज कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी संजय चौहान की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में जनपद के सभी खंड विकास अधिकारियों, ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता से जुड़ी समस्याओं की समीक्षा करना और उन्हें और अधिक प्रभावी ढंग से संचालित करने की दिशा में कार्ययोजना तैयार करना था। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि स्वच्छता किसी एक दिन का अभियान नहीं बल्कि जनसहभागिता से चलने वाली सतत प्रक्रिया है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे इस दिशा में पूरी निष्ठा एवं समर्पण भाव से कार्य करें ताकि जनपद को स्वच्छता के क्षेत्र में आदर्श स्थान दिलाया जा सके। बैठक में जिलाधिकारी ने सबसे पहले स्वच्छ भारत मिशन फेज 2 के अंतर्गत व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण की स्थिति की जानकारी ली तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में नालों और नालियों की नियमित सफाई पर बल दिया। उन्होंने कहा कि गंदगी और जलजमाव की समस्या लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है, अतः सभी ग्राम पंचायतों में समयबद्ध रूप से सफाई सुनिश्चित की जाए। सामुदायिक शौचालयों की स्थिति पर विशेष चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में सामुदायिक शौचालयों पर ताला न हो। उन्होंने इन शौचालयों की नियमित सफाई, रखरखाव और संचालन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। जिलाधिकारी ने धार्मिक स्थलों, प्रमुख मार्गों एवं बाजार क्षेत्रों के समीप स्थित सामुदायिक शौचालयों की मैपिंग कराकर उनकी स्थिति बेहतर बनाने के निर्देश भी दिए। संचालन व्यवस्था की निगरानी के लिए तकनीकी पहल की ओर भी कदम उठाया गया। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि सामुदायिक शौचालयों के निरीक्षण हेतु एक ऑनलाइन लिंक बनाया जाए, जिसमें हर दिन जिओ टैग फोटोग्राफ अपलोड किए जाएं। इससे निगरानी की प्रक्रिया पारदर्शी और प्रभावी बनेगी। बैठक में स्वच्छ भारत मिशन के तहत संचालित अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की गई। ग्राम खारा में स्थापित बायोगैस प्लांट, एफएसटीपी प्लांट (फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट), प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट तथा गोवर्धन योजना के तहत की जा रही गतिविधियों की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली गई। जिलाधिकारी ने इन योजनाओं के संचालन को और अधिक प्रभावी और जनोपयोगी बनाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही पेरी-अर्बन ग्रामों के अनुमोदन की प्रक्रिया तथा ग्रीन लीक रेटिंग व्यवस्था पर भी चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि इन ग्रामों की रेटिंग में सुधार लाने हेतु विशेष प्रयास किए जाएं। बैठक के अंत में जिलाधिकारी संजय चौहान ने कहा कि स्वच्छता का संबंध सीधे आम जनजीवन की गुणवत्ता से है। स्वच्छता के प्रत्येक मानक का कड़ाई से पालन किया जाए ताकि जनपद न केवल राज्य बल्कि देशभर में एक उदाहरण बन सके। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल, जिला पंचायत राज अधिकारी मनोज त्यागी, पीडी डीआरडीए ऐश्वर्य यादव, डीसी एनआरएलएम प्रवीणा शुक्ला, डीसी मनरेगा शेर बहादुर, वरिष्ठ कोषाधिकारी रामेंद्र कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।