
नगर संवाददाता सचिन पाण्डेय
उन्नाव। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने वक्फ बोर्ड के नाम दर्ज 1803 संपत्तियों का सत्यापन कराया है। इनमें 1762 सुन्नी वक्फ बोर्ड और 41 शिया वक्फ बोर्ड की संपत्तियां हैं। सत्यापन में 589 सरकारी जमीनें सार्वजनिक उपयोग और सरकारी होने की पुष्टि हुई है। सर्किल रेट के अनुसार इनकी कीमत करीब दो अरब रुपये आंकी गई है।
प्रशासन ने सभी तहसीलों के एसडीएम और भूलेख विभाग से वक्फ बोर्ड के नाम दर्ज 1803 संपत्तियों का सत्यापन कराया। इनमें सुन्नी वक्फ बोर्ड के नाम की 1762 और शिया वक्फ बोर्ड की 41 संपत्तियां मिलीं। सत्यापन में 589 संपत्तियां सार्वजनिक होने की पुष्टि हुई है। सर्किल रेट के अनुसार इनकी कीमत दो अरब से अधिक बताई जा रही है। भूलेख विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 200 संपत्तियां 35 साल पहले तक (1989 या इससे पहले) से वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताई गई हैं। वहीं, 1995 में तत्कालीन केंद्र सरकार की ओर से वक्फ बोर्डों को जमीन अधिग्रहण के और ज्यादा अधिकार देने के बाद इस बोर्ड की संपत्तियों में दो गुना से अधिक इजाफा हुआ। जिला प्रशासन ने सत्यापन रिपोर्ट शासन को भेजी है।
सार्वजनिक संपत्तियों का क्षेत्रफल सौ हेक्टेयर से अधिक
वक्फ बोर्डों में दर्ज पाई गईं सार्वजनिक संपत्तियों का क्षेत्रफल सौ हेक्टेयर से अधिक है। इनमें सदर तहसील में 29.948 हेक्टेयर है। पुरवा में 165 हेक्टेयर है। इसी तरह अन्य तहसीलों में भी सरकारी में चिह्नित वक्फ संपत्तियों का जिला प्रशासन सत्यापन करके भूमि क्षेत्रफल, भवन आदि का स्थलीय सत्यापन किया जा रहा है।
शासन को सर्वे रिपोर्ट भेजी गई है। इसमें कुल 1803 वक्फ संपत्तियों का राजस्व रिकॉर्ड से मिलान किया गया। इसमें 589 वक्फ संपत्तियां राजस्व रिकॉर्ड में सरकारी सार्वजनिक संपत्ति में मिलीं। इनमें तहसील सफीपुर में 255, बांगरमऊ में 14, हसनगंज में दो, पुरवा में 156, बीघापुर में एक और तहसील सदर में 161 वक्फ संपत्तियां राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार सरकारी सार्वजनिक संपत्ति के रूप में दर्ज हैं।