लखनऊ।।14 दिसंबर 2024 को लखनऊ में जैविक खेती पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में लखनऊ जिले के किसान, कृषि विशेषज्ञ और स्थानीय अधिकारी शामिल हुए। मुख्य उद्देश्य था जैविक खेती के फायदे और इसके प्रभावी तरीकों पर चर्चा करना, जिससे किसानों को उन्नत खेती के तरीके सिखाए जा सकें।
कार्यशाला के दौरान कृषि विशेषज्ञों ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया और बताया कि इससे न केवल उत्पादकता में वृद्धि हो सकती है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है। विशेषज्ञों ने बताया कि जैविक उर्वरक और कीटनाशक के उपयोग से किसान रासायनिक उर्वरकों से छुटकारा पा सकते हैं, जिससे उनका खर्च भी कम होगा और उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार होगा।
इस आयोजन में 400 से अधिक किसानों ने भाग लिया। कार्यशाला में जैविक खेती के उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें किसानों को जैविक उत्पादों के लाभ के बारे में जानकारी दी गई। आयोजकों ने बताया कि जैविक खेती में 25 से 45 प्रतिशत अधिक प्रयास और देखभाल की आवश्यकता होती है, लेकिन यह दीर्घकालिक लाभ के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
इस कार्यक्रम में जिले के कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी, जो जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि सरकार किसानों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, जिससे किसान जैविक खेती के लाभों का पूरा लाभ उठा सकते हैं।
इस कार्यशाला का आयोजन किसानों के लिए एक बड़े अवसर के रूप में देखा जा रहा है, जो जैविक खेती को अपनाकर अपनी आय और कृषि उत्पादकता को बढ़ा सकते हैं।