अमेठी/जगदीशपुर।। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) जगदीशपुर में हाल ही में बड़ा बदलाव किया गया है। सीएचसी के पूर्व अधीक्षक डॉ. प्रदीप तिवारी, जिनकी सेवा भावना और नेतृत्व क्षमता ने क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, को हटाकर डॉ. सुरेश कुमार सचान को प्रभारी नियुक्त किया गया है। यह निर्णय स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिया गया, लेकिन क्षेत्रीय जनता के बीच यह बदलाव चर्चा का विषय बन गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं में डॉ. तिवारी का अभूतपूर्व योगदान
डॉ. प्रदीप तिवारी ने सीएचसी जगदीशपुर को एक आदर्श संस्थान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी कार्यशैली और समर्पण ने न केवल मरीजों और कर्मचारियों का विश्वास जीता, बल्कि सीएचसी को पूरे प्रदेश में एक मॉडल के रूप में स्थापित किया। मरीजों से लेकर अस्पताल स्टाफ और जनप्रतिनिधियों तक, सभी ने उनके नेतृत्व में स्वस्थ और सुव्यवस्थित माहौल का अनुभव किया।
डॉ. तिवारी के कार्यकाल में सीएचसी ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं, जिनमें आपातकालीन सेवाओं की दक्षता, स्वच्छता अभियान, और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाना शामिल है। उनके व्यक्तिगत प्रयासों के कारण क्षेत्र के ग्रामीणों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी।
नेतृत्व परिवर्तन के बाद क्षेत्र में बढ़ी चिंताएं
डॉ. सुरेश कुमार सचान को प्रभारी नियुक्त किए जाने के बाद क्षेत्रीय जनता और जनप्रतिनिधियों ने इस फैसले पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। जहां एक ओर स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु बनाए रखने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर डॉ. तिवारी के हटने से जनता में असंतोष भी दिखाई दे रहा है।
प्रशासन का आदेश
प्रशासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, “डॉ. प्रदीप तिवारी अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जगदीशपुर, को तत्काल प्रभाव से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मुसाफिरखाना, जनपद अमेठी में स्थानांतरित किया जाता है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मुसाफिरखाना का कार्यभार ग्रहण करें और राजकीय कार्यों का संपादन सुनिश्चित करें।
“साथ ही, डॉ. सुरेश कुमार सचान, वरिष्ठ परामर्शदाता, ट्रामा सेंटर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जगदीशपुर, को निर्देशित किया जाता है कि वे अपने वर्तमान कार्य के साथ-साथ अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जगदीशपुर का पदीय दायित्व अग्रिम आदेश तक संभालें।”
क्षेत्रीय जनता की मांग: डॉ. तिवारी को लौटाया जाए
ग्रामीणों का मानना है कि डॉ. तिवारी जैसे समर्पित और सक्षम चिकित्सक को वापस लाने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। क्षेत्रीय नेताओं और ग्रामीणों का कहना है कि उनके नेतृत्व में सीएचसी ने जो ऊंचाइयां छुई थीं, वह अब प्रभावित हो सकती हैं।
एक ग्रामीण ने कहा, “डॉ. तिवारी ने हमें स्वास्थ्य सेवाओं में आत्मनिर्भर बनाया। उनकी अनुपस्थिति से स्वास्थ्य व्यवस्था कमजोर हो सकती है।” इसी तरह, आशा बहुओं और अस्पताल कर्मचारियों ने भी यह मांग की है कि डॉ. तिवारी को वापस लाकर सीएचसी को उनकी कुशल देखरेख में फिर से सक्रिय किया जाए।
डॉ. सचान के सामने चुनौतीपूर्ण कार्यकाल
नए प्रभारी डॉ. सुरेश कुमार सचान के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण कार्यकाल होने वाला है। उन्हें न केवल डॉ. तिवारी के स्तर की सेवाओं को बनाए रखना होगा, बल्कि जनता के भरोसे को भी जीतना होगा। क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए उनके कदम और नेतृत्व क्षमता आने वाले समय में साबित करेंगे कि वह इस जिम्मेदारी को किस तरह निभाते हैं।
क्या डॉ. तिवारी की वापसी संभव?
जगदीशपुर के जनप्रतिनिधि और समाजसेवी अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से अपील कर रहे हैं कि डॉ. तिवारी को वापस लाया जाए। उनकी वापसी से क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की गति और तेज होगी।
इस घटनाक्रम ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जागरूकता और सक्रियता बढ़ाई है। जगदीशपुर का यह नेतृत्व परिवर्तन सिर्फ एक प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।