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पति के फर्जी हस्ताक्षर बना कर ससुराल वाले ने कराई वसीयत,न्याय के भटक रही पीड़िता

सचिन पाण्डेय

उन्नाव। थाना गंगाघाट के सर्वोदय नगर निकट मेडिकल स्टोर शुक्लागंज नेतुवा थाना गंगाघाट तहसील व जिला उन्नाव की है। पीड़िता शादी मनोज सिंह पुत्र स्व० नरायन निवासी ग्राम लोहारन खेड़ा उपरोक्त से 28 जून 2009 को हुई थी। प्रार्थिनी व प्रार्थिनी के संसर्ग से कोई आल औलाद नहीं थी। प्रार्थिनी के पति अक्सर बीमार रहते थे। और 23 अप्रैल 2021 को स्वर्गवास हो गया था। चूँकि प्रार्थिनी के पति व उनके भाईयों के बीच चल अचल सम्पत्ति का उनके सामने ही बटवारा हो गया था। तथा कुछ अचल सम्पत्ति प्रार्थिनी के पति ने स्वयं खरीदकर एकत्र किया था। जो प्रार्थिनी के पति के नाम है। कुछ दिन बाद घर की खान खुराकी के लिए पैसे की जरूरत हुई जिसके लिए प्रार्थिनी ने कुछ भूमि बेच दी। जिसकी जानकारी प्रार्थिनी के पति के परिवारीजन भाइयों आदि को हुई जिनके दिमाग में फितूर आया और प्रार्थिनी के पति की सारी अचल सम्पत्ति प्रार्थिनी के पति की मृत्यु होने के पूर्व 27 मार्च 2021 को प्रार्थिनी के पति के फर्जी हस्ताक्षर से साक्षीगण शिवलाल पुत्र स्व० रामनाथ निवासी ग्राम मझरा पीपर खेड़ा कोतवाली गंगाघाट जिला उन्नाव तथा नितिन मिश्रा पुत्र  हरिओम मिश्रा निवासी आदर्श नगर शुक्लागंज थाना गंगाघाट को साक्षी बनाकर फर्जी 160 रूपये के स्टाम्प पेपर पर नोटोरियल वसीयतनामा कराया गया है। जबकि वर्ष 2021 में रजिस्ट्रार कार्यालय में वसीयतनामा एवं एग्रीमेन्ट रजिस्टर्ड होते थे। तो संलग्न वसीयतनामा नोटोरियल क्यों कराया गया। और जो वसीयतनामा में प्रार्थिनी के स्व० पति के हस्ताक्षर बने हुए है। वह फर्जी है। जिनके वास्तविक हस्ताक्षर होने के सम्बन्ध में पैन कार्ड व बैनामे की रजिस्ट्री की छायाप्रनियाँ संलग्न की जा रही है। 19 जुलाई 2021 की रात्रि में रमेश सिंह पुत्र नरायन, हृदेश सिंह पुत्र श्रीनरायन, अनुभव सिंह उर्फ गोलू पुत्र रमेश, अर्पित पुत्र हृदेश, विजयलक्ष्मी पत्नी हृदेश द्वारा मारपीट की गयी थी। और प्रार्थिनी को घर से निकाल दिया गया था। जिसका मुकदमा थाना गंगाघाट में पंजीकृत कराया गया था। जो माननीय न्यायालय में जेर परीक्षण है। और बाद में शोसल मीडिया के माध्यम से तेजाब डालकर जलाने की धमकी दी गयी थी। जिसकी शिकायत 5 अगस्त 2021 को उच्चाधिकारीगणों को की गयी थी। तब से प्रार्थिनी अपने मायके में ही रह रही है। जिस कारण उक्त लोगों द्वारा करायी गयी वसीयत के हस्ताक्षर व प्रार्थिनी के पति के पैन कार्ड के हस्ताक्षर व बैनामें के हस्ताक्षरों का मिलान कराया जाना आवश्यक है। उक्त लोग अब प्रार्थिनी को जान से मारने की फिराक में है। जिससे प्रार्थिनी बहुत नयभीत है। यदि प्रार्थिनी के साथ कोई भी अप्रिय घटना घटित होती है। अथवा कारित की जाती है। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मदारी उक्त लोगो की होगी। प्रार्थिनी ने इस सम्बन्ध में कई प्रार्थना पत्र उच्चाधिकारीगणों को दिये लेकिन अभी तक उक्त लोगों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई है। प्रार्थिनी ने 31 अगस्त 2024 को आई०जी०आर०एस० किया था। जिसमें जॉचकर्ता अधिकारी राजीव भदौरिया द्वारा प्रार्थिनी को बुलाया भी नहीं गया और थाने पर बैठकर ही एकपक्षीय जॉच पूर्ण कर ली गयी प्रार्थिनी ने जो प्रार्थना पत्र में हस्ताक्षर मिलान कराने के लिए आवेदन किया था। जिस पर भी कोई विचार नहीं किया गया। और उक्त विपक्षीगणों से सांठगांठ कर फर्जी आख्या प्रस्तुत की गयी। जिस पर प्रार्थिनी ने बताया है की उसके प्रार्थना पत्र पर विचार करते हुए हस्ताक्षर मिलान करवाये जाये तथ उक्त लोगों के विरूद्ध जालसाजी, धोखाधड़ी व उच्च धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करने की मांग की है।

Rishabh Tiwari

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