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विकलांगों की मदद करना नैतिक जिम्मेदारी है,सभी को जागरूक होना होगा-अंकित शुक्ला

सचिन पांडे

उन्नाव।।राष्ट्रीय सैनिक छात्र सेवा परिषद संस्थापक/अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने दिव्यांगजन की मदद कर पेश की मिसाल 23 साल की उम्र में एक शख्स ऐसा कर रहा है जो अच्छी खासी उम्र के लोग नहीं कर पाते हैं. जिस उम्र में अमूमन लोग खेल-कूद और मौज-मस्ती करते हैं, उस उम्र में यह युवक अपने परिवार की जिम्मेदारियों को उठा रहा है. बल्कि उनसे कहीं ऊपर उठकर अपने सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन कर रहा है. इसके अंदर समाजिक व दिव्यांगजनों के प्रति इतना स्नेह और आदर है पिछले कई साल से इस शख्स ने ऐसा कुछ किया है, जो शायद ही कोई कर पाएगा संस्था अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने बताया की विकलांगों को कभी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए उनकी जितनी मदद हो सके, करनी चाहिए विकलांगों की मदद करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है इसके लिए अधिक से अधिक लोगों को जागरूक होना होगा। ऐसे कार्यो में बच्चों की एक अहम भूमिका है उन्होंने कहा कि अगर कोई विकलांग सड़क को पार करने के लिए किनारे खड़ा है तो लोग उसे देखकर आगे निकल जाते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। विकलांग व्यक्ति को सड़क पार करवाना चाहिए। इस संबंध में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक होना होगा। ऐसे कार्यो में बच्चों की एक अहम भूमिका है। वह अपने परिवार के सदस्यों को जागरूक करने के साथ-साथ अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करें।

अंकित ने कहा कि विकलांग लोगों की मदद से कुछ नहीं घटता है। अगर किसी विकलांग को मदद की जरूरत है तो सभी को आगे आना चाहिए। उसकी हर संभव मदद करनी चाहिए जिले के किसी भी क्षेत्र में अगर किसी दिव्यांगजन की बैटरी चलित ट्राई साइकिल या सामान्य ट्राई साइकिल खराब होती है तो वह वहां पहुंचकर उसे मुफ्त में ठीक करता है और यदि किसी के ट्राई साइकिल की बैटरी खराब हो जाती है तथा वह आर्थिक रूप से नया बैटरी लगा पाने में सक्षम नहीं होते हैं तब अंकित उन्हें आर्थिक मदद करता है रात में अस्पताल पहुंचाने के लिए भी की है व्यवस्था इतना ही नहीं अंकित शुक्ला के आस-पास के गांव के लोगों के लिए रात में आपातकालीन सुविधा भी उपलब्ध करवाता है. आस-पास के गांव में अगर रात 10 बजे से लेकर 3 बजे के बीच किसी की तबीयत खराब हो जाती है और उन्हें आपातकाल में अस्पताल ले जाना पड़ता है तो अंकित उसे अपने ई-रिक्शा से लेकर अस्पताल पहुंचाता है यह काम भी मुफ्त सेवा के तौर पर कर रहा है. अंकित ने बताया कि करीब 8 साल पहले पापा व बाबा से यह प्रेरणा मिली. इसके बाद वह लगातार समाज सेवा का काम करता रहा है. उसने कहा कि वह गरीब परिवार से है और गरीबों की स्थिति को महसूस कर सकता है. इसलिए उनकी मदद करने का निर्णय लिया है इस अवसर पर मुख्य अमन सिंह मोहित शुक्ला कुँवर राज कुलदीप पवन रतन कल्लू सोनू मोनू के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

Rishabh Tiwari

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