सचिन पाण्डेय
उन्नाव। बांगरमऊ नगर के ब्लॉक रोड स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी राजयोग केंद्र पर आज 88 वीं त्रिमूर्ति जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। समारोह में बिल्हौर कानपुर से पधारी ब्र. कु. कौशल्या बहन ने कहा कि भक्तगण शिवालयों में भांग-धतूरा आदि अर्पित करते हैं। इसके पीछे आध्यात्मिक रहस्य यह है कि गलत आदतें और संस्कार कांटों के समान है। इसलिए जीवन की बुराइयां भगवान शिव पर अर्पण करना ही सच्ची शिवरात्रि मनाना है।
समारोह में ब्र. कु. कौशल्या बहन ने कहा कि आज शिव जयंती के दिन संकल्प लेना है कि प्रत्येक शिवरात्रि पर जीवन की सफलता में बाधक बन रही एक बुराई परमात्मा शिव को सौंप कर मुक्त हो जाना है और अपने जीवन की गहन समस्याओं का बोझ परमात्मा शिव को सौंप देना है। फिर उस समस्या के समाधान की जिम्मेदारी परमात्मा की हो जाएगी।
सफीपुर राजयोग केंद्र की संचालिका ब्र. कु. पुष्पा बहन ने कहा कि परमात्मा का अपना कोई शरीर नहीं होता। परमात्मा ज्योतिर्लिंग है और वह पर काया में प्रवेश कर नई सतयुगी सृष्टि की स्थापना का दिव्य कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि शिव का अर्थ कल्याणकारी और लिंग का अर्थ चिन्ह है। अर्थात परमपिता परमात्मा को साकार में पूजने के लिए ही शिवलिंग का निर्माण किया गया है।
स्थानीय राजयोग केंद्र संचालिका ब्र. कु. सरला बहन ने रहस्योद्घाटन किया कि विश्व की सभी महान विभूतियों के जन्मोत्सव मनाए जाते हैं। किंतु परमपिता परमात्मा शिव की जयंती अथवा जन्मदिन को शिवरात्रि कहा जाता है। इसका अर्थ यह है कि वह अलौकिक जन्म लेकर अवतरित होते हैं और जब-जब धर्म की अति ग्लानि होती है, तब-तब गीता में कहे गए वचन के अनुसार परमात्मा इस धरा पर अवतरित होकर धर्म की स्थापना करते हैं। इसके पूर्व स्थानीय वार्ड सभासद आनंद सिंह अर्कवंशी ने शिवलिंग के समक्ष दीप प्रज्वलित कर शिव जयंती समारोह का शुभारंभ किया। समारोह के अंत में सभासद अर्कवंशी ने परमात्मा शिव का ध्वज फहराया। ब्र. कु. सरला बहन ने सभी भाई-बहनों से प्रत्येक शिवरात्रि पर एक बुराई का त्याग करने की शपथ ली। समारोह में महेश फौजी, रामदत्त कनौजिया,देवेंद्र प्रताप सिंह,राम चंद्र गुप्ता, कृष्ण कुमार कृष्ण कुमार गुप्ता सभासद, हरिस्वरुप,रमेश कनौजिया,अखिल रस्तोगी,बी. के राम जी,अर्चना मिश्रा, सोनी शुक्ला, सुमन शर्मा,उमा कनौजिया, प्रभा रस्तोगी,बीना, सरोज, शीला यादव,सरोजनी देवी व शशि गुप्ता,रेनू, मधु यादव,किरन गुप्ता आदि सहित सैकड़ों जिज्ञासु शामिल हुए।