उन्नाव। जनपद के दो अलग अलग थाना मौरावां ओर सदर कोतवाली में नौ साल ओर छह साल पहले नाबालिग से दुष्कर्म की रिपोर्ट उनके परिजनों ने दर्ज कराई थी। नाबालिग किशोरियों से दुष्कर्म के दो दोषियों को न्यायालय ने दस व सात साल कैद की सजा सुनाई है।
मौरावां थानाक्षेत्र के सुबसाखेड़ा के हरिप्रसाद ने किशोरी से वर्ष 2014 को खेत में दुष्कर्म किया था। घर लौटी पीड़िता ने घटना की जानकारी परिजनों को दी थी परिजनों ने मौरावां थाना पहुँच मामले की जानकारी दी। तहरीर पर पाक्सो एक्ट व दुष्कर्म की धारा में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। उन्नाव में विशेष लोक अभियोजक राजीव अवस्थी की दलील व साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने हरी प्रसाद को दोषी माना।
दस वर्ष कैद और 50 हजार अर्थदंड
न्यायालय ने दोषी हरीप्रसाद को दस वर्ष कैद और 50 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है। वही नाबालिग से दुष्कर्म के एक अन्य मामले में जुर्म स्वीकारने पर दोषी को न्यायालय ने सात वर्ष कैद और दस हजार का अर्थदंड लगाया है। पिता ने सदर कोतवाली के खटई निवासी मऊली उर्फ हरीशंकर पर बेटी को बहला कर ले जाने और उससे दुष्कर्म की रिपोर्ट 3 जुलाई 2017 को दर्ज कराई थी। जिसके बाद मुकदमे के विवेचक ने मामले में सर्विलांस टीम की मदद से नाबालिग को सकुशल बरामद कर लिया।
नाबालिग से पूछताछ के बाद मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने 17 जनवरी 2018 को आरोप पत्र दायर किया था। इस मामले में आरोपी मऊली ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। विशेष लोक अभियोजक राजीव अवस्थी ने बताया कि न्यायालय ने सात साल कैद और दस हजारअर्थदंड की सजा सुनाई है।