लखनऊ 14 मई 2023। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने रविवार को कहा कि निकाय चुनाव में अपनी दुर्गती देख कर समाजवादी पार्टी बौखला गई है । सपा प्रमुख ट्वीटर पर राजनीति बघारने की जगह अगर जनता के बीच गये होते हो तो उन्हें प्रदेश की वर्तमान स्थिति पता लग गई होती। आज यूपी इन्फ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, रोजगार, बिजली, स्वास्थ्य के मामले में किस ऊंचाइयों पर पहुंच गया है, सपा को पता लग गया होता। प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों में बीजेपी को सुशासन, विकास और सुदृढ़ हुई कानून-व्यवस्था के लिए जनता के विश्वास के रूप में प्रचंड बहुमत मिला है। सभी 17नगर निगमों में महापौर के साथ ही वार्डों में भी समाजवादी पार्टी की हालत आज निर्दल उम्मीदवारों से भी खराब है। कई ऐसे नगर निकाय हैं जहां सपा से ज्यादा निर्दल प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है। प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने सपा प्रमुख को सीधे सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि जिन्होंने करोड़ों सनातनियों के आस्था के प्रतीक भगवान श्रीराम और श्रीरामचरित मानस का अपमान करने वाले नेताओं को पार्टी में सम्मानित करने का काम किया उन लोगों को यूपी की जनता ने सबक सिखा दिया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया 2024 में भाजपा की हार की बात कर रहे हैं, उन्हें ऐसे सपने देखना बंद कर देना चाहिए और ये गांठ बांध लेना चाहिए कि आने वाले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीट पर बीजेपी का कमल प्रचंड बहुमत के साथ खिलने जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आज प्रदेश सरकार जिस प्रकार बिना किसी भेदभाव के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की भावना के साथ काम किया है उसी का परिणाम है कि नगर निकायों के चुनाव में जनता ने हमें प्रचंड बहुमत दिया है।
प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि हर कोई ये देख रहा है कि जहां एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता धूप, गर्मी और बरसात की परवाह किये बगैर एक दिन में चार से पांच जिलों में रैलियां कर रहे थे, वहीं सपा प्रमुख घर के एसी कमरे में बैठकर केवल ट्वीटर पर राजनीति कर रहे थे। अब तो समाजवादी पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता भी समझ चुके हैं कि जो नेता अपने ही प्रत्याशियों के पक्ष में घर से बाहर नहीं निकल सकता है वो जनता के लिए क्या काम करेगा। सपा के आम कार्यकर्ता भी समझने लगे हैं कि उनके नेता हर बार हारने के बाद कभी ईवीएम तो कभी चुनाव आयोग को दोष देने लगते हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा समाजवादी पार्टी को अपनी हार लिए आत्ममंथन करना चाहिए न कि संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाने चाहिए।