लखनऊ

विधुत विभाग के कर्मचारी बने गुंडे़ सरकार द्वारा दिए अधिकारों का ग़लत उपयोग करके लोगों को करते हैं परेशान

संवाददाता इरफान कुरैशी

लखनऊ। जहां एक ओर योगी आदित्यनाथ की सरकार गुंडों पर लगाम कस रही हैं। वहीं सरकारी विभागों के कर्मचारी गुंडा बनकर आम जनता को परेशान कर भाजपा सरकार की बदनामी कराने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। लखनऊ के फैजुल्लागंज के रहने वाले एक गरीब परिवार को विधुत विभाग के कर्मचारियों द्वारा फंसाया जा रहा है। उन पर बिजली चोरी का झूठा केस लगाकर जुर्माना वसूलने की तैयारी में हैं। जबकि बिजली चोरों पर यहीं कर्मचारी मेहरबान रहते है। फैजुल्लागंज के रहने वाले पंकज कुमार त्रिपाठी को विजिलेंस और विधुत विभाग के कर्मचारी फंसा रहें हैं।
उन पर कटिया से बिजली चोरी का आरोप लगाया है जबकि जो लोग कटिया से बिजली चोरी करके अपना घर रौशन किए हैं उन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई,
पुराने दाऊद नगर के रहने वाले विधुत विभाग के कर्मचारियों से पीड़ित पंकज का कहना है कि जिसके घर कटिया लगीं थीं उसको विभाग के कर्मचारियों ने नहीं पकड़ा और जहां नहीं लगीं थी उस पर अपना निशाना लगा रहे हैं। पीली कालोनी फैजुल्लागंज में विधुत विभाग व विजिलेंस टीम इसी तरह आम जनता को परेशान कर रही हैं। पंकज कुमार त्रिपाठी का कहना है कि यहां पर अंधेरा रहता था तो क्षेत्र के लोगों ने विधायक नीरज बोरा से कहकर स्ट्रीट लाइट लगवाई थी जिसका आंन ऑफ स्विच लगा था जो विभागीय कार्मियों द्वारा अब निकाल कर दूसरी जगह लगा दिया गया आज उसी कटे तार को विधुत विभाग के कर्मचारियों और विजिलेंस टीम द्वारा कटिया में शामिल कर दिया गया जबकि वो तार अलग है। और पंकज के मीटर का तार अलग है। मीटर का तार कहीं से भी नहीं कटा है।  बेवजह हम पर दबाव बनाकर जुर्माना लगाया जा रहा है। जो लाईन नगर निगम वालो की है। उसे हमारा कोई लेना देना नहीं, हमारे मीटर के तार में कोई कमी हो तो हम जिम्मेदार है। विजिलेंस टीम हर महीने 2000 रुपये पेनाल्टी लगा रहें हैं। 23,09,2022 को यहां पर छापामारी की थी उस समय मकान नंबर 23, 25, 26 में कटिया लगीं थीं टीम वहां पहुंची तो घर के सभी लोग भाग गये 25, 26 में अवधेश दोनों मकान पर अपना कब्जा जमा कर रह रहा था और 23 नम्बर घर में उमेश अवस्थी कब्जा करके रह रहा था। उमेश अवस्थी को वह मकान एलॉट भी नहीं हुआ था। जब टीम ने छापामार तो दोनों अपने अपने घर छोड़कर भाग गए। विभाग के कर्मचारियों द्वारा उन दोनों की चोरी हम पर लगा दी गई। जब पंकज कुमार त्रिपाठी उन सबका विडियो बनाने लगें तो उनका मोबाइल फोन छीन लिया गया विधुत विभाग के कर्मचारियों और विजिलेंस टीम द्वारा पंकज के साथ मारपीट भी की गई। जिसकी गवाह पंकज की मासूम छोटी सी बच्ची हैं। पीड़ित परिवार अपने ऊपर हो रहे इस घोर अत्याचार से बहुत दुखी हैं। क्योंकि विभाग के कर्मचारियों द्वारा पंकज कुमार त्रिपाठी पर  89,000  रुपए का जुर्माना लगाकर गरीब परिवार को परेशान किया जा रहा हैं। पीड़ित ने बताया कि विधुत कर्मचारी बोलकर गये है कि उन तीनों कटिया चोर का पैसा भी तुम भरोगे हम पर झूठा इल्जाम लगाकर हमको फंसा रहे हैं। फैजुल्लागंज पावर हाउस में रुपए जमा कर दो नहीं तो हवालात जाना पड़ेगा। पीड़ित परिवार के घर में खाने के लाले पड़े हुए हैं और विधुत विभाग के कर्मचारी इसी तरह गरीब परिवारों को झूठे बिजली चोरी के केस फंसा रहे हैं। दरसल 26 – 1- 2020 को क्षेत्र के जेई बाहर लगा सब मीटर चोरी से उतार रहे थे तो पंकज कुमार त्रिपाठी ने देख लिया था। पंकज ने जेई से कहा था कि आप लोग चोरी कर रहे हो तो जेई ने धमकी देते हुए कहा कि ज्यादा बोलोगे तो यही करंट लगाकर जान से मार दूंगा। चुप होकर घर के अन्दर बैठ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक सरकारी विभागों के कर्मचारियों की इस तरह की घटनाएं नहीं पहुंच पाती। अब पंकज का कहना है कि यदि हमको कहीं से इन्साफ नहीं मिला तो अपने परिवार के साथ आत्महत्या कर लेंगे और इसके जिम्मेदार बिजली विभाग के वह अधिकारी होंगे जो मेरे जैसे निरापराध को झूठे केस में फंसा रहे हैं। पंकज ने मुख्यमंत्री से इस मामले में मदद की गुहार लगाई है। और भ्रष्टाचारी कर्मचारियों के ऊपर सख्त कार्रवाई कि मांग कि है। देखना यह है कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीड़ित परिवार की मदद करेंगे और गरीबों से धन उगाही करने वाले बिजली विभाग के अधिकारी को क्या सजा मिलेगी?

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